Kiriburu : लौह अयस्क ढुलाई में लगी भारी वाहनों के परिचालन से उड़ने वाले धूलकण की वजह से बराईबुरु से गुवा व बराईबुरु से बड़ाजामदा व नोवामुंडी तक का पूरा क्षेत्र सबसे प्रदूषित क्षेत्र बन गया है. विदित हो कि पूरा क्षेत्र व शहर वाहनों के परिचालन से धूल भरी अंधकार में डूबा रह रहा है, जिससे लोगों को स्वास्थ्य संबंधित समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं. उल्लेखनीय है कि नियमतः खदान प्रबंधनों द्वारा उड़ते धूलकण को रोकने हेतु सड़कों पर निरंतर पानी का छिड़काव करने व वाहनों की ढुलाई के दौरान लौह अयस्क को ढक कर ले जाने का प्रावधान है. लेकिन खदान प्रबंधन व ट्रांस्पोर्टर द्वारा इन नियमों का पालन नहीं किया जा रहा है.
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पूरे वातावरण में फैल रहा धूल
वहीं, वाहनों के साईलेंसर नीचे होने और वाहनों की गति काफी तेज होने की वजह से सड़क का सारा धूल पूरे वातावरण में फैल रहा है. इस कारण लोगों को सांस लेने में परेशानी के अलावा सड़क किनारे स्थित दुकानों व घरों में रखे समान, कपड़े, बिस्तर आदि सभी गंदे हो जा रहे हैं. गौरतलब है कि इन उड़ते धूलकण से सबसे ज्यादा परेशानी सड़क पर पैदल व दोपहिया वाहन चालकों के अलावा सड़क किनारे रहने वाले लोगों और दुकानदारों को उठाना पड़ रहा है. एक भी भारी वाहन इस सड़क से गुजर जाये तो पूरा वातावरण धूलमय हो जाता है, जबकि प्रतिदिन सैकड़ों वाहन सिर्फ लौह अयस्क की ढुलाई में लगी रहती है. वहीं, धूल की वजह से आगे कुछ दिखाई नहीं देता जिससे हमेशा दुर्घटना की संभावना भी बनी रहती है.
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प्रदूषण के रोकथाम हेतु विभाग व प्रशासन नहीं कर रही कोई कार्रवाई
मालूम हो कि उक्त क्षेत्र में फैलने वाले प्रदूषण के रोकथाम हेतु प्रदूषण विभाग व प्रशासन द्वारा कोई ठोस कार्रवाई नहीं किये जाने से गुवा, नोवामुंडी, बड़ाजामदा आदि क्षेत्र के लोगों में भारी आक्रोश बढ़ता जा रहा है. साथ ही लोगों का यह आक्रोश आने वाले दिनों में सड़कों पर दिखाई देते हुये जिला प्रशासन एंव खदान प्रबंधनों की परेशानी बढ़ा सकता है. लोगों का कहना है कि खदान प्रबंधनें कम से कम सड़कों पर निरंतर पानी का छिड़काव विशेष पानी टैंकर से करे व अयस्क को ढंक कर ले जाये. गर्मी के समय में टैंकर की संख्या बढ़ाकर पानी छिड़काव की रफ्तार को बढ़ाएं, क्योंकि एक बार टैंकर सड़क द्वारा पानी छिड़काव करके जाने जाने के बाद गर्मी की वजह से सड़क सुख जाता है, जिससे स्थिति पहले जैसी हो जाती है.
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