Kiriburu (Shailesh Singh) : पश्चिम सिंहभूम जिले के शहरों से लेकर सारंडा व अन्य ग्रामीण क्षेत्र के लोग अरबों रूपये खर्च होने के बावजूद इस भीषण गर्मी में एक-एक बूंद पानी के लिये परेशान क्यों हैं. इसके लिये जिम्मेदार कौन ! क्या यह गंभीर मुद्दा प्रत्याशियों के लिये परेशानी खड़ा करने वाली है! सारंडा का दोदारी, काशिया-पेचा, छोटानागरा के अलावे जगन्नाथपुर व अन्य शहरों में भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खड़ी जलापूर्ति योजना जिसका पानी कई गांवों व शहरों के लोगों को नहीं मिल रहा है वह चुनावी मुद्दा बनने वाला है ! जगन्नाथपुर के लोगों द्वारा दो-दो बार विभागीय मंत्री से शिकायत करने के बावजूद आज तक इस जलमीनार का एक बूंद पानी भी लोगों के घरों तक क्यों नहीं पहुंचा.
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उल्लेखनीय है कि हर घर जल योजना जल जीवन मिशन के तहत भारत में जल शक्ति मंत्रालय द्वारा लॉन्च किया गया था. इसका लक्ष्य देश के हर घर को पाइप से पानी का कनेक्शन उपलब्ध कराना है. हर घर जल भारत सरकार द्वारा 2024 तक हर घर में नल का पानी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से शुरू की गई एक योजना है. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2019 के केंद्रीय बजट में इस योजना की घोषणा की थी. लेकिन दुर्भाग्य की बात है कि पश्चिम सिंहभूम जिले में संचालित तमाम योजनाएं भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गई. इस योजना का लाभ मात्र 30 फीसदी शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों को मिल रहा है. जगन्नाथपुर प्रखंड के शहरी व ग्रामीण क्षेत्रों के प्रत्येक घर में नल का कनेक्शन देकर शुद्ध पेयजल आपूर्ति किया जाना था.
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जगन्नाथपुर में यह योजना पूरी तरह से फेल है. जलमीनार एवं तमाम पाइप लाइन क्षतिग्रस्त है. मोंगरा नदी का पानी को फिल्टर कर जगन्नाथपुर जलमीनार में लाकर वहाँ से घर घर सप्लाई करना था. लेकिन ठेकेदार व विभागीय अधिकारी मिलकर योजना का पैसा का बंदरबांट कर लिये, सिर्फ भ्रष्टाचार का जर्जर जलमीनार खडा़ कर सरकारी जमीन को छेंक लिये. यहीं हाल सारंडा के छोटानागरा पंचायत स्थित बाईहातु एवं गंगदा पंचायत के दोदारी गांव स्थित आसन जलापूर्ति योजना व जलमीनार का है. सारंडा की दोनों योजनाएं लगभग पूरी तरह से फेल है. यहां के कुछ गांवों में पानी पहुंचा है, लेकिन प्रायः गांव पानी से वंचित है.
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जल जीवन मिशन के तहत पिछले पांच वर्षों में झारखंड को भारत सरकार द्वारा 10865 करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गयी है. जिसमें राज्य सरकार सिर्फ 3065 करोड़ रुपए का उपयोग ही कर पायी है. वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए जल जीवन मिशन कार्य को पूर्ण करने के लिए भारत सरकार ने झारखंड के लिए 4722 करोड़ की राशि आवंटित की है. परंतु इस वित्तीय वर्ष का लगभग चार माह बीत जाने के बाद भी सरकार के द्वारा इससे कोई राशि की निकासी नहीं की गयी है. इसकी जानकारी केंद्रीय जल शक्ति राज्यमंत्री विशेश्वर टुडू ने रांची के सांसद संजय सेठ के सवाल पर लोकसभा में बीते दिनों दी गई थी. केंद्रीय मंत्री ने लिखित जवाब में बताया था कि वर्ष 2019 में 267 करोड़, 2020-21 में 572 करोड़, 2021-22 में 2479 करोड़, 2022-23 में 2825 करोड़ और 2024 में 4722 करोड़ की राशि आवंटित की गयी है.
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इसकी तुलना में राज्य सरकार इन राशियों का उपयोग नहीं कर पा रही है. वर्ष 2019 में झारखंड सरकार ने 291 करोड़ रुपए का उपयोग किया, जबकि 2020-21 में 143 करोड़ रुपए का उपयोग हुआ, वही 2021-22 में 512 करोड़ रुपए का उपयोग हुआ, जबकि 2022-23 में 2119 करोड़ रुपए का उपयोग हुआ. केंद्रीय मंत्री ने सांसद संजय सेठ को यह भी बताया था कि राज्य सरकार के द्वारा जो रिपोर्ट उपलब्ध करायी गयी है, उसके अनुसार झारखंड में पूर्व में 20.50 लाख ग्रामीण घरों को नल जल कनेक्शन उपलब्ध करा दिया गया है. वहीं जुलाई 2023 तक राज्य में 61.28 लाख घरों में से 23 लाख घरों में जल से आपूर्ति होने की सूचना दी गयी थी.
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जगन्नाथपुर निवासी सह झारखंड आंदोलनकारी नवाज हुसैन उर्फ बिरसा ने जगन्नाथपुर स्थित जलमीनार से एक भी घर को पानी नहीं मिलने की दो बार शिकायत विभागीय मंत्री मिथलेश ठाकुर से की थी. उनसे कार्रवाई का आश्वासन भी मिला, लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा ने बोकना जलापूर्ति योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार की लिखित शिकायत तत्कालीन उपायुक्त से किया था. मामले में कुछ नहीं हुआ. दोदारी व छोटानागरा जलापूर्ति योजना में व्याप्त भ्रष्टाचार को लेकर गंगदा के मुखिया राजू सांडिल, सारंडा पीढ़ के मानकी लागुडा़ देवगम, विभिन्न गांवों के मुंडाओं ने सलाई चौक पर मुख्य सड़क जाम किया. पुलिस-प्रशासन व संबंधित विभाग के उच्च अधिकारी आकर लिखित आश्वासन दिये लेकिन कुछ नहीं हुआ. आदिवासी समन्वय समिति के संयोजक सुशील बारला ने मनोहरपुर प्रखंड के आधा दर्जन अधूरे व भ्रष्टाचार की बुनियाद पर खडी़ जलमीनार की शिकायत उपायुक्त व मुख्यमंत्री से किया लेकिन आज तक कुछ नहीं हुआ. बडा़ सवाल है कि आखिर शहरी व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों के घरों में कैसे पहुंचेगा शुद्ध पेयजल! आखिर कौन पहुंचायेगा यह पानी!