Kiriburu (Shailesh Singh) : पश्चिम सिंहभूम जिला के कोल्हान आरक्षित वन प्रक्षेत्र के टोंटो एवं गोईलकेरा थाना क्षेत्र के जंगलों में भाकपा माओवादियों के अचानक उग्र होकर निर्दोष ग्रामीणों को लगातार मौत के घाट उतारने की मुख्य वजह क्या है? सूत्रों का कहना है कि बीते 11 अगस्त को टोन्टो थानान्तर्गत रेरडाकोचा जंगल में पुलिस व नक्सलियों के बीच जबर्दस्त मुठभेड़ हुई थी. इसमें तीन नक्सली मारे गये थे. मारे गये नक्सलियों का शव उनके साथी नक्सली लेकर फरार हो गए थे. हालांकि इसकी पुष्टि पुलिस व नक्सलियों की तरफ से अब तक नहीं हुई है. इस मुठभेड़ के दौरान नक्सलियों का कोल्हान स्थित ईआरबी मुख्यालय एवं भूमिगत 11 बंकर ध्वस्त करने के साथ-साथ भारी मात्रा में हथियार, रसद आदि बरामद किया गया था. सूत्रों का कहना है कि इस मुठभेड़ के बाद कुख्यात नक्सली सिंगराय, जो लगभग 12-15 सदस्यीय नक्सलियों का नेतृत्व कर रहा था, उसकी कथित पत्नी रिता इस मुठभेड़ के बाद से लापता थी. शायद वह मुठभेड़ में मारी गई, घायल हुई अथवा गायब हुई, यह स्पष्ट नहीं हो पाया है. इसी घटना से नाराज नक्सली लगातार ग्रामीणों को मौत के घाट उतार कर दहशत फैला रहे हैं. नक्सलियों को संदेह था कि उनके बंकर व मुख्यालय की जानकारी ग्रामीणों ने ही पुलिस को दिया है. इसके बाद नक्सली काफी उग्र होकर कदमडीह पंचायत के वृद्ध रांदो सुरीन, राजाबासा के लोवाबेडा़ टोला निवासी अर्जुन सुरीन, रेंगडा़हातु गांव निवासी सुपाय मुरकंड की हत्या की. बताया जाता है कि अर्जुन सुरीन तो नक्सलियों का मुख्यालय में भी खस्सी, राशन सामग्री आदि पहुंचाने जाता था. जंगल में उसका एक मात्र घर था. रांदो सुरीन का भी नक्सलियों से बेहतर संबंध था. अर्थात नक्सली अपने साथ सम्पर्क रखने व सहयोग करने वाले ग्रामीणों को हीं संदेह के आधार पर हत्यायें करना प्रारम्भ कर दिये है. ऐसी घटनाओं से नक्सल प्रभावित क्षेत्र के गांवों से दर्जनों ग्रामीण पलायन कर गये हैं, कईयों ने मोबाईल बंद कर दिया है, कुछ पलायन करने की तैयारी में हैं.
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मिसिर बेसरा, रमेश, अजय, अनमोल, मोछू जंगल में घूम रहे
उल्लेखनीय है कि बीते दिनों पुलिस को जानकारी मिली थी कि प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के एक करोड़ रुपये का इनामी शीर्ष नेता मिसिर बेसरा, रमेश उर्फ अनल, अजय महतो, अनमोल, मोछु, चमन, कांडे, सागेन अंगरिया, अश्विन अपने दस्ता के सदस्यों के साथ कोल्हान क्षेत्र में विध्वंसक गतिविधि के लिए भ्रमणशील हैं. उक्त सूचना के आलोक में इनके विरुद्ध कारगर कार्रवाई हेतु चाईबासा पुलिस, कोबरा 209, 203, झारखंड जगुआर एवं सीआरपीएफ की 60, 197, 157, 174, 134, 193, 07, 26 बटालियन की टीमों का एक संयुक्त अभियान दल गठित कर 8 अगस्त से एक विशेष संयुक्त अभियान टोन्टो थानान्तर्गत सरजामबुरू, रेंगड़ाहातु, लुईया एवं हुसीपी के मध्य में अवस्थित जंगल क्षेत्र में संचालित किया गया था. अभियान के दौरान 9 अगस्त को टोन्टो थानान्तर्गत रेरडाकोचा जंगल के समीप पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्र में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के शीर्ष नेता मिसिर बेसरा की कोर टीम के साथ 5 वर्षों के बाद सुरक्षा बलों के बीच लगभग आधा घंटा सीधा मुठभेड़ हुआ और सरजामबुरू से विस्थापित होने के बाद उनका नया मुख्यालय ध्वस्त किया गया. मुठभेड़ के क्रम में सुरक्षा बलों को भारी पड़ता देख नक्सली जंगल एवं पहाड़ का लाभ उठाते हुए भाग खड़े हुए. अग्रतर सर्च अभियान के दौरान भारी मात्रा में गोला-बारूद एवं दैनिक उपयोग के सामान की बरामदगी की गई थी.
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10 अगस्त को पुलिस ने ध्वस्त किए कई बंकर
10 अगस्त को सर्च अभियान में नक्सलियों के उस क्षेत्र में बनाये हुए कई बंकर सुरक्षा बलों ने ध्वस्त कर दिये थे. सर्च में अलग-अलग स्थानों पर कुल 11 बंकर, जिसमें उनकी भारी मात्रा में गोला-बारूद एवं दैनिक उपयोग की सामग्री पाई गई, जिसको ध्वस्त किया गया. इसमें सबसे बड़ा बंकर 50 फीट गुणा 25 फीट का था. इस अभियान के दौरान कुल 17 आईईडी बरामद किया गया.
11 अगस्त को आधा घंटा हुई मुठभेड़
अभियान के क्रम में 11 अगस्त की सुबह लगभग 11 बजे टोन्टो थानान्तर्गत ग्राम हुसिपी और तिलायबेड़ा के बीच पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्र में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी के उग्रवादियों एवं सुरक्षा बलों के बीच लगभग आधा घंटा तक पुनः मुठभेड़ हुआ. मुठभेड के क्रम सीटी/जीडी मुन्नालाल यादव एवं सीटी/जीडी सुशांत कुमार खुंटिया, 60 बटालियन, सीआरपीएफ जख्मी हुए थे. इलाज के क्रम में सीटी/जीडी सुशांत कुमार खुंटिया शहीद हो गये थे.
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14 अगस्त से पहाड़ व जंगल में चला संयुक्त अभियान
14 अगस्त से एक विशेष संयुक्त अभियान टोन्टो थानान्तर्गत तुम्बाहाका और सरजोमबुरू के बीच पहाड़ एवं जंगल में संचालित किया गया था. अभियान के क्रम में 14 अगस्त की रात्रि लगभग 7 बजे तुम्बाहाका और सरजोमबुरू के बीच पहाड़ी एवं जंगली क्षेत्र में भाकपा (माओवादी) के उग्रवादियों एवं सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुआ, जिसमें झारखंड जगुआर के पुअनि अमित कुमार तिवारी एवं आरक्षी गौतम कुमार शहीद हो गये थे.
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मुठभेड़ में नक्सलियों को हुआ भारी नुकसान
लगभग 10-12 दिनों के अंदर नक्सलियों व पुलिस के बीच कई बार हुई मुठभेड़ में नक्सलियों को भारी नुकसान उठाना पड़ा है. तीन नक्सलियों के मारे जाने की चर्चा है. नक्सलियों का बड़ा आशियाना उजड़ गया है. नक्सलियों तक भोजन व अन्य जरुरी सामान पहुंचने में दिक्कत हो रही है. इससे नक्सली बौखलाये हैं एवं निर्दोष ग्रामीणों को अपना शिकार बना रहे हैं. सारंडा में भी नक्सली ऐसे ही तांडव मचाये थे. इसके बाद ग्रामीण सहयोग व समर्थन देना बंद कर दिये थे. सारंडा से नक्सलियों को भागना पड़ गया था.