Kiriburu: सेल प्रबंधन व मजदूर यूनियनों की ठेका मजदूरों के वेतन समझौते को लेकर दिल्ली में चली बैठक बेनतीजा खत्म हो गई. प्रबंधन ने दो टूक बोल दिया है कि न्यूनतम वेतन तय नहीं किया जा सकता है. तकनीकी कारणों का हवाला देकर प्रबंधन ने इस प्रस्ताव पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है. साथ ही यह भी बोल दिया है कि एडब्ल्यूए की राशि को बेसिक में मर्ज नहीं किया जा सकता है. एडब्ल्यूए की राशि बढ़ाना उनके हाथ में है. यूनियन सुझाव दे कितना बढ़ाना है, उस पर चर्चा की जा सकती है.
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सेल प्रबंधन के प्रस्ताव को यूनियनों ने खारिज किया
सेल प्रबंधन ने एडब्ल्यूए की राशि को 25 प्रतिशत बढ़ाने का प्रस्ताव दिया, जिसे यूनियनों ने खारिज कर दिया है. एनजेसीएस यूनियनों ने प्रबंधन को जवाब दिया कि यहां वह न्यूनतम वेतन समझौता के लिए बैठे हैं न कि एडब्ल्यूए की राशि तय करने. एडब्ल्यूए की राशि को बेसिक में मर्ज करने से ही ठेका मजदूरों का भला होगा. इसको लेकर दोनों पक्षों के बीच बहस भी हुई.
सभी इकाइयों में समान रूप से न्यूनतम वेतन लागू करने पर प्रबंधन तैयार नहीं
नेशनल ज्वाइंट कमेटी फॉर स्टील इंडस्ट्री (एनजेसीएस) की सब-कमेटी की बैठक में हिस्सा लेने के लिये यूनियन प्रतिनिधि सुबह 11 बजे पहुंच गए थे. ठेका मजदूरों के न्यूनतम वेतन की मांग सभी यूनियन के सदस्य कर रहे थे, लेकिन प्रबंधन सिर्फ एलाउंस बढ़ाने की बात करता रहा. सभी इकाइयों में समान रूप से न्यूनतम वेतन लागू करने पर प्रबंधन तैयार नहीं है. प्रबंधन की तरफ से बताया गया कि वेतन भुगतान राज्य सरकार की गाइडलाइन के आधार पर किया जाता है. इस तकनीकी कारण से न्यूनतम वेतन तय नहीं किया जा सकता है.
अब 15 जून को दोबारा होगी बैठक
कमेटी ने कहा कि एडब्ल्यूए को बेसिक में जोड़ने में भी दिक्कत होगी. राउरकेला में पांच प्रतिशत और दुर्गापुर में 10 फीसद हाउस रेंट दिया जाता है. अन्य इकाइयों में अलग रेट है. इसलिए सबको एक साथ करना संभव नहीं है. बहस के बाद भी कुछ तय नहीं होने पर प्रबंधन ने 15 जून को दोबारा बैठक करने की तारीख दे दी है. बैठक में एचएमएस के राजेंद्र सिंह, इंटक के वीरेंद्र चौबे, एटक के रामाश्रय प्रसाद, बीएमएस के उद्योग प्रभारी डीके पांडेय और सीटू के ललिल मोहन मिश्र शामिल थे.
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