Kiriburu (Shailesh Singh) : सारंडा वन प्रमंडल अन्तर्गत मनोहरपुर प्रखंड के फुलवारी गांव में 25 फरवरी 2022 को वन क्षेत्र के पौधों को नष्ट करने से संबंधित मामला उप वन परिसर सामता प्रक्षेत्र-02 में कांड संख्या-21 / 2022 दर्ज किया गया था. इस मामले में गांव के 11 को नामजद आरोपी बनाया गया था. 11 नामजद आरोपियों में उत्क्रमित मध्य विद्यालय फुलवारी की 13 वर्षीय छात्रा सीता लकड़ा पिता -विफो लकड़ा को भी नामजद आरोपी वन विभाग ने बना दिया था. जबकि उक्त छात्रा घटना के समय स्कूल में पढ़ रही थी. इस मामले को लेकर काफी विवाद बढ़ा. वन विभाग के खिलाफ ग्रामीण आक्रोशित थे. इस मामले को लेकर आदिवासी समन्वय समिति के संयोजक सुशील बारला, पूर्व विधायक मंगल सिंह बोबोंगा और जोहार के पदाधिकारी रमेश जेराई ने सारंडा के डीएफओ को पत्र लिख नाबालिग छात्रा का नाम प्राथमिकी से हटाने की मांग की थी.
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डीएफओ ने समिति के संयोजक को लिखा था पत्र
इस मामले की जांच के बाद सारंडा डीएफओ ने 13 अप्रैल 2022 को आदिवासी समन्वय समिति के संयोजक को पत्र लिखकर बताया था कि जुर्म प्रतिवेदन संख्या-777264, दिनांक- 25 फरवरी 2022, कम्प्लेन केस संख्या- 21/2022 राज्य सरकार झारखंड बनाम नन्दू मिंज एवं अन्य मामले में वन क्षेत्र पदाधिकारी, सामता प्रक्षेत्र, जराईकेला द्वारा अभियोजन प्रतिवेदन समर्पित कर सूचित किया गया है कि उक्त तिथि को गिरफ्तार अभियुक्त नन्दू मिंज के गलत बयान के कारण सीता लकड़ा का नाम अंकित किया गया था. उसे बिफो लकड़ा की पत्नी बताया था. अनुसंधान के क्रम में पता चला कि वास्तव में सीता लकड़ा बिफो लकड़ा की पुत्री है, जो 13 वर्ष की है और दिनांक 25 फरवरी 2022 को घटनास्थल पर उपस्थित नहीं थी. इस कारण सीता लकड़ा, पिता-बिफो लकड़ा के नाम को उक्त मामले से संबंधित अभियोजन प्रतिवेदन में से हटा दिया गया है. इस मामले में सुशील बारला ने कहा कि सारंडा डीएफओ ने सीता लकड़ा मामले में हमें व ग्रामीणों को तब गलत व गुमराह करने वाली जानकारी दी थी. इससे वन विभाग की विश्वसनीयता पर सवाल उठता है.