Kiriburu (Shailesh Singh) : बड़ाजामदा शहर की मुख्य नालियों की साफ-सफाई बारिश से पूर्व नहीं कराई गई है. इससे मानसून के दौरान बड़ाजामदा में एक बार फिर बाढ़ का खतरा मडरा रहा है. सारंडा की ऊंची पहाड़ियों से जब वर्षा का पानी उतर कर निचले भागों में जाता है. इससे शहर की नालियां जाम हो जाती है. जिससे शहर में बाढ़ की स्थित उत्पन्न हो जाती है. बड़ाजामदा के लोग प्रति वर्ष बाढ़ जैसी स्थिति का सामना करते हैं. उनके घरों में लगभग 6-8 फीट पानी घुस जाता है. लाखों रुपये का सामान बर्बाद हो जाता है.
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हर बार आश्वासन हीं मिला
बड़ाजामदा शहर के बीच से एक कच्चा नाला बहता है. इस नाले को आरसीसी नाला बनाने के लिए अनेकों बार बड़ाजामदा के लोगों ने सांसद, विधायक, जिला परिषद, प्रमुख को पत्र लिखा. लेकिन हर बार आश्वासन हीं मिला, काम नहीं हुआ. यह नाला प्रतिवर्ष जलकुम्भी, लौह चूर्ण, कचड़ा आदि से भरकर जाम हो जाता है. इससे पानी की निकासी नहीं हो पाती है. बड़ाजामदा की आबादी लगभग 30 हजार से अधिक है. लेकिन बाढ़ का सबसे ज्यादा असर फुटबॉल मैदान, स्कूल, मार्केट और निचले क्षेत्र में होता है.
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नाला के जमीन को लेकर है विवाद
एक वर्ष पूर्व स्थानीय उद्योगपतियों, सामाजिक संगठनों, सांसद, जिला परिषद, नागरिकों के संयुक्त प्रयास से जेसीबी मशीन से नाला को साफ किया गया था. लाखों रुपये खर्च हुये थे. लेकिन नाला पक्का नहीं होने से स्थिति पहले जैसी है. जिला परिषद सदस्य देवकी कुमारी ने कहा कि बड़ाजामदा का यह नाला कैनाल के रूप में निर्माण डीएमएफटी फंड से कराने के लिए ग्राम सभा करा विभाग व सांसद को भी पत्र दिये हैं. यह प्रोजेक्ट बड़ा है जिसमें काफी पैसा लगेगा. पंचायत व हमारे फंड से संभव नहीं है. इसके अलावे कुछ लोगों के बीच नाला के जमीन को लेकर भी विवाद है, जिसे भी प्रशासनिक स्तर पर सुलझाने की जरूरत है. जिला प्रशासन को विशेष प्राथमिकता के तहत इस नाला का निर्माण हर हाल में कराने की जरूरत है.
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