Shailesh Singh
Kiriburu : पूर्व विधायक गुरुचरण नायक पर हमला, उनके दो अंगरक्षक की हत्या और एक को घायल कर हथियार लूट की घटना को नक्सलियों ने अंजाम दिया था. इसके बाद पश्चिम सिंहभूम के टोंटो थाना अन्तर्गत सारजोमबुरु जंगल में एसपी अजय लिंडा के नेतृत्व में काफी संख्या में कोबरा, सीआरपीएफ व झारखंड पुलिस की संयुक्त टीम पिछले पांच दिनों से छापामारी कर रही है. पुलिस की टीम पांच दिनों से एक करोड़ रुपए के इनामी नक्सली सह पोलित ब्यूरो सदस्य मिसिर बेसरा, 25 लाख के इनामी स्पेशल एरिया कमेटी सदस्य लालचंद हेम्ब्रम उर्फ अनमोल दा, 15 लाख रुपए के इनामी नक्सली मेहनत उर्फ मोछू समेत पूरी टीम को घेर रखा है. दो दिन पहले पुलिस व नक्सलियों के बीच उक्त जंगल में दोनों ओर से दोपहर के लगभग एक बजे भारी मुठभेड़ हुई थी. इसमें पुलिस को भारी पड़ता देख नक्सली पीछे भागे थे. इस मुठभेड़ के बाद भी नक्सलियों की इसी टीम से दोबारा मुठभेड़ होने की बात कही जा रही है.
पुलिस ने चार-पांच मोर्टार दागे, नक्सलियों को भारी नुकसान
सूत्रों के अनुसार इस मुठभेड़ में कोबरा व सीआरपीएफ जवानों द्वारा 4-5 मोर्टार दाग नक्सलियों को भारी नुकसान पहुंचाया गया है. पुलिस इस बात को लेकर उत्साहित है कि कोल्हान रिजर्व वन क्षेत्र के अत्यन्त सुदूरवर्ती घने जंगलों में जाकर वे नक्सलियों को घेरकर मुठभेड़ कर रही है. यह पुलिस के लिए बड़ी सफलता भी मानी जा रही है, क्योंकि नक्सलियों के साथ बहुत कम ही आमने-सामने मुठभेड़ होती है. मुठभेड़ होने से नक्सली संगठन में शामिल कुछ नए ग्रामीण युवक भी भयवश दस्ता छोड़ भाग खडे़ होते हैं और उनके समर्थक ग्रामीण भी डर से नक्सलियों को तत्काल सहयोग करना बंद कर देते हैं. इससे नक्सलियों को भारी नुकसान व पुलिस को लाभ होता है. जिस टोंटो थाना क्षेत्र के जंगलों में मुठभेड़ हुई है और नक्सली घिरे हुए हैं वह जंगल सारंडा व पोड़ा जंगल से सटा है. नक्सलियों का कॉरिडोर व शरणस्थली भी रहा है.
नक्सलियों के ओडिशा या दूसरे जिले में भागने की आशंका
ऐसे में अधिक संभावना है कि नक्सली घने जंगलों का लाभ उठाते हुए पुलिस की घेराबंदी को तोड़ सारंडा होते हुए ओडिशा क्षेत्र में या पोड़ाहाट के जंगल होते हुए दूसरे जिले में सुरक्षित निकल जाएं. आज से जारी पूरे क्षेत्र में वर्षा की वजह से भी उक्त जंगल में नक्सलियों के खिलाफ जारी ऑपरेशन प्रभावित हो सकता है. क्योंकि अधिक वर्षा व बढ़ती ठंड के कारण दुर्गम नक्सल क्षेत्र में ऑपरेशन चलाना आसान नहीं होगा. पुलिस को इस दौरान अनेक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है. फिल्हाल नक्सलियों के खिलाफ ऑपरेशन निरंतर जारी है.