Kiriburu (Shailesh Singh) : सेल की बीएसएल अन्तर्गत आने वाले झारखंड ग्रुप ऑफ माइन्स में कार्यरत सेल अधिकारी सेल प्रबंधन द्वारा डिफकल्ट एरिया एलाउंस (डासा) का पैसा बंद करने के खिलाफ अब आर-पार की लड़ाई लड़ने की तैयारी में हैं. इसके खिलाफ सेल अधिकारियों ने सेल की मेघाहातुबुरु खदान गेट पर 22 नवम्बर की रात भारी विरोध जताते हुये आंदोलन किया था.
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न्यायायिक लड़ाई लड़ने का लिया गया फैसला
सेल की झारखंड ग्रुप ऑफ माइन्स ऑफिसर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अवधेश कुमार व सचिव उदय भान सिंह राठौर ने कहा कि डासा को बंद करने संबंधित सेल प्रबंधन के फैसले के खिलाफ 22 नवम्बर की देर रात तक किरीबुरु स्थित आफिसर्स क्लब में सेल अधिकारियों की लंबी बैठक हुई. बैठक में चरणबद्ध आंदोलन एंव न्यायायिक लड़ाई लड़ने का लिया गया. इसी के तहत 24 नवम्बर को मेघाहातुबुरु खदान गेट पर पुनः आंदोलन करने की योजना है. अभी समय तय नहीं हुआ है. अधिकारियों ने बताया कि रिमोट एरिया एलाउंस पहले सेल के अधिकारियों व कर्मचारियों को 10 फीसदी मिलता था, लेकिन बाद में इसे कम कर 8 फीसदी किया गया. लेकिन इस 8 फीसदी को भी इसी नवम्बर माह से हटाने का फैसला सेल प्रबंधन ने किया है.उन्होंने कहा कि सारंडा जैसे नक्सल प्रभावित वह पिछडे क्षेत्र में स्टील प्लांटों के अलावे सुविधाओं के नाम पर कुछ भी नहीं है. यहां संचार, आवागमन, शिक्षा, बेहतर चिकित्सा, मनोरंजन, बाजार, होटल आदि की बेहतर सुविधा नहीं हैं. ऐसे तमाम असुविधाओं के बीच रहने की वजह से हीं डासा के रूप में 8 फीसदी अतिरिक्त राशी हमें दी जाती थी. अन्यथा ऐसे क्षेत्रों में कोई आना नहीं चाहता है. इसका बड़ा प्रमाण सेल की किरीबुरु-मेघाहातुबुरु जेनरल अस्पताल में निरंतर नियुक्ति के बावजूद कोई डाक्टर आना नहीं चाह रहे हैं. कुछ आये भी तो वह भाग गये. सेल प्रबंधन डासा मामले में अपना फैसला वापस ले, अन्यथा आगे बड़ा आंदोलन किया जायेगा.
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झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने किया समर्थन
दूसरी तरफ सेल अधिकारियों के आंदोलन का समर्थन झारखंड मजदूर संघर्ष संघ ने भी किया है. इस संघ के किरीबुरु इकाई के महामंत्री राजेन्द्र सिंधिया ने कहा कि हमारा संगठन भी डासा बंद करने का पूरा विरोध करता है. हम सेलकर्मी जंगल व पहाड़ी क्षेत्र में किस तरह रह कर खदान में काम कर रहे है. ये यहां के अधिकारी और कर्मचारी ही जानते हैं.
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