Kiriburu (Shailesh Singh) : आदिवासी कल्याण केन्द्र, मेघाहातुबुरु के तत्वाधान में आयोजित मागे पर्व के दूसरे दिन अर्थात 18 मार्च की सुबह केन्द्र प्रांगण में दियूरियों का सम्मान एवं बाहा पर्व की तिथि निर्धारण किया गया. बैठक में सर्वसम्मति से बाहा पर्व आगामी 24 मार्च को मनाने का फैसला किया गया. इससे पूर्व मागे पर्व के उपलक्ष पर आयोजित विभिन्न प्रकार की खेलकूद प्रतियोगिताओं के विजेताओं को बतौर मुख्य अतिथि मेघाहातुबुरु के सीजीएम आर पी सेलबम, विशिष्ट अतिथि सीएमओ डा नन्दी जेराई, महाप्रबंधक सुकरा हो, महाप्रबंधक के बी थापा ने पुरस्कृत किया. आज कमेटी द्वारा दोपहर में लेटो/खिचड़ी, खीर का वितरण किया गया. शाम 5 बजे से रात्रि 9 बजे तक सामुहिक नृत्य-गान कार्यक्रम होगा.
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सीजीएम आर पी सेलबम ने कहा कि आदिवासी प्रकृति के पुजारी हैं. इनका सारा पर्व-त्योहार प्रकृति की पूजा से जुडा़ होता है. आदिवासियों की परम्परा व संस्कृति बेमिशाल है. सेला मेघाहातुबुरु प्रबंधन आदिवासियों की संस्कृति व परम्परा की रक्षा करने, उनका विकास करने का निरंतर प्रयास कर रही है और आगे भी करती रहेगी. इस दौरान मुख्य रुप से दीयूरी संजय हेस्सा, जयराम पाट पिंगुआ, सेलाय हेस्सा, धनुर्जय लागुरी, रोया राम चाम्पिया, बीरबल गुडि़या, निर्मल पूर्ति, जगन्नाथ चातर, संदीप तीयू, अमर सिंह सुंडी, आर के सिंकु, बिलायची सुंडी, पालो सोय, आसाई चाम्पिया, शशी सिंकु, सुशीला सिंकु, चन्द्रावति कालुन्डिया, तुलसी चातर आदि सैकड़ों मौजूद थे.
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मझगांव : बाल मेला से निखरती है बच्चों की प्रतिभा : मुखिया
Majhgaon (Md Wasi) : मझगांव प्रखंड अंतर्गत मवि घोडाबंघा परिसर में सोमवार को एस्पायर संस्था के सहयोग से बाल मेला कार्यक्रम आयोजित की गई. कार्यक्रम के बतौर मुख्य अतिथि घोडाबंधा पंचायत मुखिया विवेकानंद पुर्ती ने फीता काटकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया. विद्यालय के छात्र-छात्राएं एवं अभिभावकों को संबोधित करते हुए पंचायत मुखिया ने कहा कि बाल मेला कार्यक्रम बच्चों का प्रतिभा निखारने का बेहतरीन मंच है. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों में भी काफी प्रतिभाएं छिपी होती है. अगर इस तरह का मंच भी समुदाय और पंचायत की ओर से मिले तो बच्चे और भी आगे बढ़ सकते हैं.
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आज झारखंड में बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ खेलकूद एवं मनोरंजन के क्षेत्र में भी अपना करियर बना रहे हैं. बाल मेला कार्यक्रम से विद्यालय से दूर बच्चे भी पुनः विद्यालय पहुंचते हैं इससे बच्चों की उपस्थिति दर भी बढ़ती है. मनोरंजन के साथ-साथ बच्चों में छिपी प्रतिभा भी निखत कर सामने आती है. हम सभी अभिभावकों को पता चलता है कि हमारे बच्चों के अंदर इतनी सारी प्रतिभाएं छुपी है अगर हम उन्हें बेहतर मंच देंगे तो वह विद्यालय के साथ-साथ जिला और राज्य का नाम भी रोशन करेंगे. शिक्षा के क्षेत्र में हमारा एकमात्र उद्देश्य है कि अपने पंचायत का एक भी बच्चा विद्यालय से दूर ना हो.
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जब सभी बच्चे विद्यालय में होंगे तो निश्चय ही हम अपने गांव और पंचायत को बाल श्रम और बाल विवाह मुक्त पंचायत बनाएंगे. तभी हम अपने पंचायत को शिक्षित और विकसित पंचायत बना सकते हैं. मौके पर शिक्षक सलिन मुर्मू,सीएफ एम चिश्ती, एसएमसी अध्यक्ष मंगल हेंब्रम, जमादार हेंब्रम,शिलावती चातार, अफाक असरार, भानुप्रिया पान, अस्मिता हेंब्रम,लव हेंब्रम, बबीता कुमारी आदि उपस्थित थे.