Kiriburu : पश्चिम सिंहभूम जिला के टोंटो थाना अन्तर्गत अत्यंत नक्सल प्रभावित बुंडू गांव में एक ग्रामीण दम्पत्ति की हत्या कर शव को जंगल में दफना देने अथवा गायब कर देने की सूचना मिल रही है. हालांकि इसकी पुष्टि पुलिस नहीं कर रही है. विश्वस्त सूत्रों के अनुसार बुंडू गांव निवासी गोमिया नामक व्यक्ति व उसकी पत्नी की हत्या एक सप्ताह पूर्व गुरुवार को गांव के ही कुछ करीबी लोगों ने कर दिया है. इसके बाद शव को जंगल में दफना दिया गया है. सूत्रों का कहना है कि उक्त दम्पती की हत्या अंधविश्वास या अन्य वजहों से गांव के ही दबंग लोगों द्वारा करने की चर्चा है. हत्या की सूचना गांव से बाहर नहीं जाए इसके लिए ग्रामीणों को भी धमकी दी गई है कि जो बाहर बताएगा उसका अंजाम बुरा होगा. घटना को अपनी आंखों से देखने वाला उक्त दम्पत्ति के बेटे की भी हत्या की कोशिश की गई, लेकिन उसने जंगल में भाग कर अपनी जान बचाई. यह मामला बुंडू गांव के अलावे सारंडा व कोल्हान वन प्रमंडल के दर्जनों गांवों में आग की तरह फैला चुका है. बुंडू गांव के ग्रामीण इस मामले में कुछ भी बोलने को तैयार नहीं हैं. इस घटना की जानकारी पीड़ित परिवार के लोग वाहन भाडे़ पर लेकर टोंटो थाना भी गए थे और वहां इसकी जानकारी दी है.
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उल्लेखनीय है कि पश्चिम सिंहभूम जिला का बुंडू गांव सबसे ज्यादा विवादित व खतरनाक गांव है. इस गांव में अनेक जघन्य हत्याएं हुईं जिसमें कुछ थाने तक पहुंची और कुछ जंगल व गांव में ही दबकर रह गई. बुंडू के ग्रामीणों द्वारा पड़ोसी गांव अगरवां के तीन लोगों की नृशंस हत्या सबसे ज्यादा चर्चा में रहा था. यह गांव प्रारम्भ से नक्सल प्रभावित व समर्थित रहा था, लेकिन रोवाम में सीआरपीएफ कैंप स्थापित होने के बाद थोड़ा शांत हुआ. कुख्यात नक्सली मेहनत उर्फ मोछू रोवाम कैंप स्थापित होने से पूर्व इस गांव क्षेत्र में अधिक रहता था. पुलिस मामले की सत्यता की जांच में लगी है. उल्लेखनीय है कि बुंडू के ग्रामीणों को अनेक बार प्रशासनिक स्तर पर समझाने हेतु जिला पुलिस-प्रशासन ने रोवाम व टोंटो थाना में अनेकों बार बैठक की, लेकिन कुछ माह शांत होने के बाद यहां कुछ न कुछ घटना होने की बात अथवा गांव अशांत होने की बात सामने आने लगती है.