Kiriburu (Shailesh Singh) : पश्चिमी सिंहभूम जिला में लघु सिंचाई विभाग के अधीक्षण अभियंता मनोहर प्रसाद के कारनामे की चर्चा जोरों पर हैं. यह वही अधीक्षण अभियंता हैं, जो लघु सिंचाई प्रमंडल चाईबासा का प्रभारी हैं. ये वही अभियंता हैं जो फेल संवेदक को पास कर सीएस अनुमोदन कर लाखों का कमीशन वसूली करने की सूचना से चर्चा का बाजार गर्म है. कोल्हान विकास संघ ने लघु सिंचाई प्रमंडल के निविदा निष्पादन की प्रक्रिया पर सवाल खड़ा करते हुए सभी डीएमएफटी योजना की निविदा सीएस अनुमोदन की जांच केन्द्रीय एजेंसी से कराने की मांग की है.
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सूत्रों की माने तो चार संवेदक को गलत तरीके से कार्य आवंटित किया गया है, जबकि चारों संवेदक निविदा शर्तों में नियम प्रकिया के तहत पास नहीं हो रहे थे, साथ ही कोल्हान विकास संघ ने यह भी आरोप लगाया है और मांग की है कि मनोहर प्रसाद की चल-अचल संपत्ति अर्जित किए जाने की सूचना प्राप्त हो रही है. इसकी जांच केन्द्रीय एजेंसी से कराने की आवश्यकता है. तत्कालीन निलम्बित मुख्य अभियंता बिरेंद्र राम की तरह मनोहर प्रसाद भी टेंडर मैनेज, निविदा प्रक्रिया में अनियमितता करना साथ ही अवैध रूप से संवेदकों को लाभ पहुंचा कर लाखों की कमाई करने की चर्चा आम है. कोल्हान विकास संघ ने यह भी कहा है कि जल्द ही मनोहर प्रसाद की आय से अधिक सम्पत्ति की जांचाच के लिए राज्यपाल से मिलेंगे.
साथ ही उच्च न्यायालय में भी आय से अधिक सम्पत्ति की जांच के लिए याचिका दायर करेंगे. मनोहर प्रसाद जल, पथ प्रमंडल में तीन वर्ष से अधिक समय तक कार्यपालक अभियंता रहते हुए विभाग द्वारा अधीक्षण अभियंता में प्रोन्नति देते हुए लघु सिंचाई अंचल चाईबासा में पदस्थापित हुए हैं. अब आप अंदाजा लगा सकते हैं कि प्रसाद अपने पैरवी और पहुंच के साथ विगत चार साल से इसी जिला में कार्यरत हैं. अब सवाल उठना लाजमी है कि क्या तीन से चार साल वाले को हटाने का चुनाव आयोग के आदेश का अनुपालन मनोहर प्रसाद पर लागू होता है कि नहीं.