Kiriburu (Shailesh Singh) : गुवा थाना क्षेत्र के लिपुंगा गांव निवासी दारा सिंह चाम्पिया व ठाकुरा गांव निवासी राजेश चाम्पिया के अलावा नुईया गांव के ग्रामीणों ने सेल की गुवा खदान प्रबंधन पर खदान के लाल पानी को सारंडा की ऐतिहासिक नदी में छोड़कर उसे प्रदूषित करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि कारो नदी सारंडा के दर्जनों गांव के ग्रामीणों की जिंदगी है. इस नदी के पानी को लोग पेयजल, स्नान करने, कृषि आदि तमाम कार्यों में इस्तेमाल करते हैं. लेकिन बरसात के दौरान गुवा खदान प्रबंधन अपने खदान के लाल पानी, मिट्टी अथवा लाल मड को सीधे गुवा के कुशुम घाट मंदिर समीप पुलिया व ठाकुरा गांव के सामने नाला के माध्यम से सीधे कारो नदी में छोड़ नदी के पानी को पूरी तरह से लाल व प्रदूषित कर रही है.
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लोगों के सामने बेरोजगारी व भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो रही है : दारा सिंह चाम्पिया
उन्होंने कहा कि कारो नदी में नहाने से गांव के बच्चे व ग्रामीण विभिन्न रोगों से ग्रसित हो रहे हैं. बीमार ग्रामीणों को बेहतर इलाज की सुविधा भी गुवा प्रबंधन उपलब्ध नहीं करा पा रही है. वहीं, दारा सिंह चाम्पिया ने बताया कि हमारे खेत बंजर और बर्बाद हो रहे हैं. लोगों के सामने बेरोजगारी व भूखमरी की स्थिति उत्पन्न हो रही है. गुवा प्रबंधन खदान से प्रभावित गांवों के बेरोजगार युवकों को रोजगार आदि भी उपलब्ध नहीं कराती है. जबकि खदान से सबसे ज्यादा प्रभावित उक्त गांव है. यदि गुवा प्रबंधन जल्द उक्त प्रभावित गांवों के बेरोजगारों को नौकरी व रोजगार नहीं देती है, तो तीनों गांवों के ग्रामीण संगठित होकर आरपार की लड़ाई लड़ने को बाध्य होंगे.
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