Kiriburu : भ्रष्टाचार की बुनियाद पर बन रही भनगांव-करमपदा-बंकर (किरीबुरु) सड़क निर्माण से सारंडा के दर्जनों गांव के ग्रामीण नाराज हैं. कुछ माह पूर्व ही इसी ठेकेदार द्वारा बनाया गया कोलायबुरु- कुमडीह सड़क भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ बिना वाहनों के परिचालन के ही पूरी तरह से टूट चुकी है. वहीं, इस सड़क के निर्माण में व्याप्त भ्रष्टाचार की जांच हेतु सांसद गीता कोड़ा, सारंडा ग्राम विकास परिषद से जुड़े दस गांवों के मानकी, मुंडा व ग्रामीणों ने राज्यपाल, मुख्यमंत्री, उपायुक्त आदि को पत्र लिखा. लेकिन नतीजा यह हुआ की “घोटाला था मांद का जंगल में था शोर, जांच कमीशन के लिये आगे आया मोर…” इस सड़क के बारे में ग्रामीणों को अब तक नहीं पता कि चार या छह इंच मोटे सड़क की ढलाई हो रही है. वहीं, ठेकेदार अशोक प्रधान से पूछने पर उसने बताया की सरकारी प्रावधान के अनुसार सड़क के बीच में चार इंच व दोनों किनारों में दो-दो फीट चौड़ाई में छह इंच मोटी पीसीसी सड़क की ढलाई करनी है.
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तय मानक से अधिक एमएम की गिट्टी का हो रहा इस्तेमाल
लेकिन सवाल यह है की जब दोनों किनारों में छह-छह इंच मोटी ढलाई करनी है तो फिर इनमें सिर्फ गिट्टी भरकर उस पर लगभग तीन इंच ही मोटी ढलाई क्यों की जा रही है? पीसीसी सड़क की ढलाई में तय मानक से अधिक एमएम की गिट्टी का इस्तेमाल हो रहा है. साथ ही ढलाई में वाईब्रेटर मशीन का इस्तेमाल भी नहीं किया जा रहा है. इतना ही नहीं पीसीसी ढलाई से पूर्व सड़क की लेबलिंग व गिट्टी-मिट्टी आदि डालकर जो रोलिंग आदि करनी होती है वह भी नहीं की जा रही है. पहले से टूटी पीसीसी सड़क पर ही ढलाई की जा रही है. ऐसे में ग्रामीणों को ठेकेदार द्वारा प्राक्कलन आदि से संबंधित कोई जानकारी नहीं देकर उन्हें अंधेरे में रखा जा रहा है.
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10 जुलाई 2017 को सड़क निर्माण का कार्य किया गया था प्रारंभ
विदित हो कि प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के तहत भनगांव- करमपदा- बंकर सड़क का निर्माण पांच करोड़ (4.81 लाख) रुपये की लागत से 10 जुलाई 2017 को रांची के ठेकेदार अशोक प्रधान द्वारा प्रारंभ किया गया था. सड़क का निर्माण कार्य नौ जून 2018 को पूर्ण होना था. लगभग 10 किलोमीटर लंबी इस सड़क में भनगांव से करमपदा तक लगभग चार किलोमीटर ब्लैक टॉप अर्थात कालिकरण सड़क के निर्माण के अलावा करमपदा से बंकर तक बाकी छह किलोमीटर सड़क चार इंच मोटी पीसीसी ढलाई कर बनाना था. लेकिन ठेकेदार की लापरवाही से सड़क निर्माण कार्य वर्षों तक नहीं होने के बाद ठेकेदार को काली सूची में डालने का सरकारी दबाव बढ़ाया गया. हालांकि, ठेकेदार ने अपने प्रभाव की वजह से न सिर्फ अपने आप को काली सूची में जाने से बचाया बल्कि सड़क के प्राक्कलन में भी बदलाव कर बीते कुछ दिनों से सड़क का निर्माण कार्य प्रारंभ कराया है.
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सड़क के निर्माण से इन्हें होगा लाभ
सारंडा के करमपदा, नवागांव, भनगांव, कलैता, मर्चीगड़ा, जुम्बईबुरु, धर्नादिरी, चेरवालोर, बालेहातु, कादोडीह, थोलकोबाद, तिरिलपोसी, बिटकिलसोय, बालिबा, टोयबो, गुंडीजोडा़, दीघा के अलावा इस रास्ते ओडिशा के तोपाडीह, राउरकेला, बिसरा, जराईकेला आदि शहरों व गांवों में जाने वाले तमाम लोगों को इश सड़क से लाभ होगा. बाहरी पर्यटक सारंडा के थोलकोबाद गेस्ट हाउस, टोयबो झरना, लिगिर्दा आदि स्थानों पर भ्रमण हेतु इसी सड़क मार्ग का इस्तेमाल करते हैं. सारंडा के तमाम सीआरपीएफ कैंपों के जवान व पुलिस-प्रशासन और वन विभाग के अधिकारी भी इसी मार्ग से आना जाना करते हैं. ऐसे में खराब सड़क बनने से सभी को नुकसान होगा.
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