Kiriburu (Shailesh Singh) : किरीबुरू एवं मेघाहातुबुरू टाउनशिप को स्वच्छ एवं साफ-सूथरा बनाने की जिम्मेदारी सिर्फ सेल प्रबंधन की ही है अथवा शहर में रहने वाले तमाम सेलकर्मियों, दुकानदारों व आम नागरिकों की भी है! उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी स्वच्छ भारत अभियान का शुभारम्भ इसलिए किये थे कि तमाम गांव, शहर साफ-सूथरा एवं गंदगी मुक्त रहे. स्वच्छ वातावरण से विभिन्न प्रकार की बीमारियों से मुक्ति मिलने के साथ-साथ मन भी तरोताजा रहता है. इस अभियान के पूर्व से सेल के किरीबुरू एवं मेघाहातुबुरू प्रबंधन अपने-अपने टाउनशिप को स्वच्छ रखने हेतु प्रतिदिन घर-घर ठेला भेज कचड़ा का उठाव के अलावे समय-समय पर झाड़ियों की कटाई, सड़कों व कॉलोनियों की साफ-सफाई का कार्य कराते रहती है.
इसे भी पढ़ें : सोनुवा : तेज रफ्तार हाइवा अनियंत्रित होकर घर को किया क्षतिग्रस्त, बाल-बाल बचे परिवार के लोग
गंदगी व कचड़े से शहर की खूबसूरती हो रही है प्रभावित
इसके समय-समय पर स्वच्छता को लेकर जागरूकता अभियान चलाया जाता है. इसके बावजूद शहर के सैकड़ों ऐसे शिक्षित परिवार व दुकानदार हैं जो घर व दुकान का कचड़ा सड़क किनारे व सार्वजनिक स्थानों पर फेंक शहर को स्वच्छ बनाने के बजाय नारकीय स्थिति उत्पन्न करने में लगे हुए हैं. मेघाहातुबुरू सिविल विभाग कार्यालय के आसपास दोनों सड़कों के किनारे, प्रोस्पेक्टिंग चौक, मीना बाजार, मेन मार्केट, बैंक मोड़ आदि विभिन्न क्षेत्रों में गंदगी व कचड़े का भारी अंबार लगा है. इस गंदगी को शहर के शिक्षित लोग फैला रहे हैं. गंदगी व कचड़े की वजह से शहर की खूबसूरती प्रभावित हो रही है, वहीं वन एवं पर्यावरण को भी नुकसान पहुंच रहा है. जहां-तहां तथा शहर की मुख्य नालियों में फेके जा रहे प्लास्टिक व कचड़ा से नालियां जाम हो जाती हैं जिससे जल जमाव की स्थिति उत्पन्न होकर वहां मच्छरों का फैलाव होने लग रहा है.
इसे भी पढ़ें : जनजातीय सुरक्षा मंच ने निकाली रैली, धर्म बदल चुके आदिवासियों को एसटी के लाभ से वंचित कराना जरूरी
एक माह पूर्व सेल महाप्रबंधक ने किया था शहर का भ्रमण
सेलकर्मियों के आवास की पीछे की तमाम गली कचड़ों से भरी है एवं नालियां जाम है. इसके लिये सेलकर्मी भी जिम्मेदार हैं. किरीबुरू के सीजीएम कमलेश राय ने सिविल विभाग के महाप्रबंधक के बी थापा के साथ एक माह पूर्व टाउनशिप का भ्रमण किये थे एवं तमाम गलियों को चरणबद्ध तरीके से ठीक करवाने का आदेश सिविल विभाग को दिया था. सिविल विभाग भी प्रत्येक माह एक-एक गली को ठीक कर देने का ऐलान किया. लेकिन एक माह बीत गये लेकिन हुआ कुछ नहीं.