Kiriburu (Shailesh Singh) : सेल की किरीबुरु खादान के सीएसआर क्षेत्र अंतर्गत आने वाले सारंडा के करमपदा, नवागांव एंव भनगांव की महिलाओं ने विभिन्न मांगों को लेकर बिरसा स्मारक के पास मंगलवार को धरना दिया. धरना पर बैठी महिलाओं के समर्थन में मेघाहातुबुरु उत्तरी पंचायत की मुखिया लिपि मुंडा एंव करमपदा के मुंडा राजेश भी धरना स्थल पर पहुंचे और सर्मथन दिया. धरना दे रही लक्ष्मी कुमारी व अन्य महिलाओं ने लगातार न्यूज से बातचीत में कहा कि सेल की किरीबुरु प्रबंधन हमारे गांवों के स्कूली बच्चों को किरीबुरु-मेघाहातुबुरु स्थिति विभिन्न स्कूलों में लाने ले जाने के लिए सालों से स्कूल बस उपलब्ध कराते आयी है. लेकिन पिछले छः माह से बच्चों के लिये स्कूल बस नहीं भेजा जा रहा है. इससे बच्चों की शिक्षा पूरी तरह से प्रभावित हो गई है.
इसे भी पढ़ें : चक्रधरपुर : मधुसूदन महतो उच्च विद्यालय में सम्मान समारोह आयोजित, जेपीएससी में सफल हुए दो पूर्व छात्रों का किया अभिनंदन
प्रबंधन दे रहा झुठा आश्वासन
किरीबुरु स्थित स्कूल से करमपदा की दूरी लगभग 16 किलोमीटर है. इतनी दूरी गांव के बच्चे पैदल तय नहीं कर सकते. जबकि करमपदा से किरीबुरु शहर काफी ऊंचाई पर स्थित है जहाँ जंगल, पहाड़ होते पैदल जाना संभव नहीं है. जंगली जानवरों का भी प्रकोप इस क्षेत्र में ज्यादा है. कई बार प्रबंधन को स्कूल बस देने के लिये कहा गया लेकिन हर बार झूठा आश्वासन दिया जा रहा है. जबकि करमपदा से लगभग 14 किलोमीटर और आगे का गांव थोलकोबाद आदि के लिये स्कूल बस भेजा जा रहा है लेकिन करमपदा में यह सुविधा नहीं दी जा रहीं है.
इसे भी पढ़ें : चाईबासा : झारखंड के युवा कलाकार रंजीत महतो को कला संस्कृति यूनिवर्सिटी ने किया सम्मानित
इलाज हेतु एम्बुलेंस या वाहन की सुविधा भी नहीं
लक्ष्मी कुमारी ने बताया कि स्कूल बस के अलावे करमपदा के मरीजों को सेल अस्पताल किरीबुरु या अन्यत्र इलाज हेतु भेजने के लिये कोई एम्बुलेंस या वाहन की सुविधा नहीं है. सेल की किरीबुरु अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ भी वर्षों से नहीं है. इस कारण क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की जिंदगी हमेशा खतरे में रहती है. उन्होंने बताया कि 3 जुलाई को करमपदा निवासी बुधु गागराई की 30 वर्षीय गर्भवती पत्नी की मौत गर्भपात की वजह से अधिक रक्तश्राव के कारण हो गई थी. उक्त महिला को प्राईवेट वाहन से किरीबुरु के रास्ते नोवामुंडी ले जाया जा रहा था लेकिन उसने बडा़जामदा में ही महिला ने दम तोड़ दिया. अगर किरीबुरु अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ उपलब्ध होती तो उक्त महिला की मौत नहीं होती. इसके अलावे अन्य समस्याओं को लेकर आज धरना दिया गया है.
महिला रोग विशेषज्ञ नहीं होना दुर्भाग्यपुर्ण
मेघाहातुबुरु उतरी पंचायत की मुखिया लिपि मुंडा ने कहा कि करमपदा क्षेत्र की उक्त दोनों मांगे जायज है. सेल अस्पताल में महिला रोग विशेषज्ञ नहीं होना सेल प्रबंधन के लिये शर्म की बात है. सेल अधिकारियों व कर्मचारियों के अलावे किरीबुरु एंव मेघाहातुबुरुकी तमाम महिलाएं इस समस्या से परेशान है, लेकिन सेल की किरीबुरु रेफरल अस्पताल होने के बावजूद यहाँ डाक्टर नहीं होना व नियमित बस सुविधा नहीं होना दुर्भाग्य की बात है. खबर लिखे जाने तक धरनास्थल पर बैठी महिलाओं से प्रबंधन का कोई अधिकारी वार्ता हेतु नहीं आया है.
Leave a Reply