- पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत पांच की हत्या करनेवाले यूपी के डॉन मुन्ना बजरंगी का शूटर था अमन सिंह
- 21 मार्च 2017 को पांच लोगों की हत्या के आरोप में 7 मई 2017 को यूपी के मिर्जापुर से हुआ था गिरफ्तार
Dhanbad : सरायढेला में पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह समेत पांच की हत्या करनेवाला अमन सिंह, यूपी के डॉन मुन्ना बजरंगी का शूटर था. पंकज और रंजय सिंह के संपर्क में आने के बाद 50 लाख में नीरज सिंह की हत्या की सुपारी ली और 21 मार्च 2017 को फॉर्च्यूनर गाड़ी पर गोलियां बरसा कर नीरज सिंह की हत्या कर दी गई. लगभग एक सौ के आसपास चारों ओर से घेरकर शूटरों ने गोलियां बरसायी थी. झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह समेत अमन सिंह, कुर्बान, चंदन, शिबू आदि कई लोगों का नाम आया था. संजीव सिंह पर साजिश रचकर हत्या कराने का आरोप था. पहले संजीव सिंह को हत्या के दो दिन बाद गिरफ्तार किया गया. फिर बारी-बारी से अमन सिंह समेत कई लोगों को गिरफ्तार किया गया. अमन सिंह को यूपी के एसटीएफ टीम ने 7 मई 2017 को गिरफ्तार किया. फिर धनबाद पुलिस ने प्रोडक्शन वारंट के तहत मिर्जापुर कोर्ट के सहयोग से अमन को धनबाद लेकर पहुंची थी.
सिंह मेंशन के करीबी रंजय सिंह की हत्या का लिया था बदला
सिंह मेंशन के करीबी रंजय सिंह की हत्या का बदला पूर्व डिप्टी मेयर नीरज सिंह की हत्या कर लिया गया था. पुलिस और आम लोगों ने भी संभावना व्यक्त की थी कि रंजय की हत्या में रघुकुल का नाम आया था. लोग यही कह रहे थे कि नीरज सिंह के कहने पर ही नंद किशोर सिंह उर्फ मामा समेत अन्य लोगों ने मिलकर सरायढेला के चाणक्य नगर में 29 जनवरी 2017 को गोली मारकर हत्या की थी. इसमें नीरज सिंह के मौसेरे भाई हर्ष सिंह का भी नाम आया था. फिलहाल नंद किशोर सिंह जेल में बंद हैं.
जेल से रंगदारी मांगने और फायरिंग कराने पर चार बार दूसरे जेल में हुआ था शिफ्ट
पुलिस सूत्रों के अनुसार जेल से रंगदारी मांगने और फायरिंग कराने पर अमन सिंह को चार बार दूसरे जेल में शिफ्ट किया गया था. धनबाद जेल से होटवार, हजारीबाग, चाईबासा और दुमका जेल भेजा गया था. 2022 में दुमका जेल शिफ्ट होते समय जेल गाड़ी में बैठकर जाते समय चिल्ला रहा था कि बच्चा सिंह हत्या करा देगा. हालांकि दुमका में उसकी हत्या नहीं हुई थी.
अमन सिंह की हत्या के बाद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को लगने लगा खतरा
सूत्रों के अनुसार नीरज सिंह समेत पांच लोगों की हत्या के आरोप में जेल में बंद अमन सिंह की हत्या के बाद जेल में बंद झरिया के पूर्व विधायक संजीव सिंह को भी धनबाद जेल में डर लगने लगा है. उनकी पत्नी रागिनी सिंह ने पूर्व में कोर्ट और सरकार को आवेदन भेजा था कि उनके पति संजीव सिंह को खतरा है. बीमार होने पर रिम्स के बदले एम्स दिल्ली में इलाज कराने की अनुशंसा की गई थी.
अमन सिंह गैंग में शामिल हुआ था नया गैंगस्टर राहुल सिंह
एक सप्ताह पहले बोकारो का नया गैंगस्टर राहुल सिंह, अमन सिंह गैंग में शामिल हुआ था. उसने वीडियो जारी कर सोशल मीडिया पर कहा था कि वह अमन सिंह गैंग से जुड़ा है. जो भी व्यवसायी जीना चाहते हैं तो वह रंगदारी दें. उसने धनबाद के कई व्यवसायियों को रंगदारी मांगते हुए धमकी भी दी थी. जिससे धनबाद के व्यवसायियों में दहशत पैदा हो गया था.
अमन सिंह को धनबाद से हर महीने 30 लाख रुपये मिल रही थी रंगदारी
सूत्रों के अनुसार कुछ माह पहले पकड़े गए अमन सिंह के भाई अजय सिंह ने पुलिस के समक्ष खुलासा किया था कि उसके और अन्य रिश्तेदारों के एकाउंट में हर महीने 30 लाख रुपये रंगदारी का पैसा आता था. धनबाद के व्यवसायी से रंगदारी मांगी जा रही थी. अमन सिंह के लिए आशीष सिंह उर्फ छोटू समेत कई लोग काम कर रहे हैं. डॉ. समीर कुमार से एक करोड़ की रंगदारी मांगी थी. जिसमें चिकित्सक ने कुछ दिनों के लिए धनबाद छोड़ दिया था. फिर बाद में चिकित्सकों से रंगदारी मांगना बंद हो गया.
कुछ माह पहले सिंह मेंशन और प्रिंस गैंग के गुर्गों के बीच जेल में हुई थी भिड़ंत
कुछ माह पहले सिंह मेंशन और प्रिंस खान गैंग के गुर्गों के बीच धनबाद जेल में भिड़ंत हुई थी. जिसमें दोनों पक्ष से कई लोग जख्मी हुए थे. कुछ दिनों बाद कई कैदियों को दूसरे जेल में शिफ्ट किया गया था. मारपीट में अमन सिंह का भी नाम आया था. उसके बाद से सिंह मेंशन और प्रिंस गैंग के गुर्गों के बीच काफी दिनों से तनाव था.
छापामारी में मिलती है खैनी और गुटखा, पिस्टल से अमन की हो गई हत्या
जब भी धनबाद जेल में छापामारी की गई, हमेशा खैनी, गुटखा और लाइटर आदि बरामद किए. न तो कभी मोबाइल मिला और ना ही पिस्टल, जबकि हमेशा जेल से मोबाइल से धमकी मिलने की बात सामने आती रही है. इसके बावजूद कभी भी जिला पुलिस को छापामारी में मोबाइल या पिस्टल नहीं मिली. वहीं रविवार को दिनदहाड़े कुख्यात शूटर अमन सिंह को जेल में गोलियों से भून दिया गया.
कटघरे में धनबाद जेल प्रबंधन, अमन की हत्या करनेवाला के पास किसने पहुंचायी पिस्टल
सूत्रों के अनुसार नियमत: धनबाद जेल के भीतर बाहर से एक कागज का टुकड़ा तक किसी बंदी के पास नहीं पहुंच सकता है, लेकिन पिस्टल पहुंच गया. यह पिस्टल कब पहुंचा, किसने पहुंचाया. किसके कहने पर किसको दिया गया. जेल प्रबंधन की मिलीभगत के यह संभव नहीं है. भले अमन सिंह कुख्यात शूटर था और धनबाद पुलिस के लिए सिरदर्द था. लेकिन उसकी हत्या जेल प्रशासन पर संदेह खड़ा करने वाला है. इस हत्याकांड के बाद जेल अधीक्षक, जेलर समेत कई पुलिसकर्मी सस्पेंड हो सकते हैं. धनबाद से लेकर रांची पुलिस मुख्यालय तक हड़कंप मच गया है. जिला प्रशासन और पुलिस के वरीय व कनीय पदाधिकारियों से लेकर आम लोगों के बीच हत्या को लेकर तरह की चर्चा हो रही है.
अमन को इसी सप्ताह दो मुकदमों में मिली थी रिहाई
धनबाद : शूटर अमन सिंह को इसी सप्ताह दो मुकदमों में रिहाई मिली थी. 30 दिसंबर 2020 को गोविंदपुर-धनबाद मुख्यमार्ग पर स्थित सिटी फ्यूल पेट्रोल पंप में पांच फायरिंग की गई थी. इस मामले में पुलिस ने अनुसंधान में अमन सिंह के खिलाफ आरोपपत्र दायर किया था. कोर्ट ने 25 नवंबर को इस मामले में फैसला सुनाते हुए अमन सिंह को बरी कर दिया. कोर्ट ने इस मामले में सजा के लिए पर्याप्त साक्ष्य नहीं होने की बात कही. जबकि 2021 तेतुलमारी की आउट सोर्सिंग कंपनी के मैनेजर मुरली शर्मा ने रंगदारी मांगे जाने की शिकायत की दर्ज कराई थी. इस मामले में पुलिस पर्याप्त साक्ष्य कोर्ट में प्रस्तुत नहीं कर सकी. वहीं इस कांड के शिकायतकर्ता और गवाह मुकर गए. इन दोनों मामलों में अमन की रिहाई का आदेश देने के अगले ही दिन जेल में अमन सिंह की हत्या हो गई.
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