Koderma: जिला मुख्यालय से सटे ध्वजाधारी धाम कोडरमा और राज्य के प्रमुख धार्मिक स्थलों में एक है. किवदंतियों के अनुसार त्रेतायुग के कर्दम ऋषी ने यहां वर्षों तपस्या की थी. उन्हीं के नाम पर इस जिले का नाम कोडरमा पड़ा. यहां पहाड़ी पर भगवान शिव का मंदिर है जो तकरीबन 500 फीट ऊंची चोटी पर अवस्थित है.
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यहां पहुंचने वाले श्रद्धालुओं की पूरी होती हैं मन्नतें
ध्वजाधारी मंदिर पंहुचने के लिए श्रद्धालुओं को 777 सीढ़ी चढ़नी पड़ती हैं. आश्रम परिसर में भगवान हनुमान, राधा कृष्ण का भव्य मंदिर है. मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु यहां मन्नत मांगते हैं उनकी मुराद पूरी होती है. श्रावण पूर्णिमा व महाशिवरात्रि के मौके पर यहां भक्तों की भीड़ उमड़ती है. वर्तमान में यहां महामंडलेश्वर सुखदेव जी महाराज के सानिध्य में लोग पूजा अर्चना करते हैं. सुखदेव महाराज को 2016 में महामंडलेश्वर की उपाधि मिली थी.
दूर दराज के शादी के लिए पहुंचते हैं लोग
कोडरमा के ध्वजाधारी आश्रम में हर वर्ष सैकड़ों शादियां होती है. लोग दूर- दूर से यहां आते हैं. मान्यता है कि यहां संपन्न हुए विवाह से वैवाहिक जीवन खुशहाल व दीर्घायु होता है.
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