Koderma: एलआईसी में आईपीओ लाकर केंद्र सरकार 40 करोड़ पॉलिसी धारकों के साथ धोखा कर रही है. निजीकरण के खिलाफ गुरुवार को एलआईसी कर्मियों व पदाधिकारियों के द्वारा एकदिवसीय हड़ताल की. जिसके समर्थन में बीमा कर्मियों को संबोधित करते हुए सीटू राज्य कमिटी सदस्य संजय पासवान ने ये बातें कही. ऑल इंडिया इंश्योरेंस इम्पलाईज एसोसिएशन (एआईआईईए) के आवाहन पर देशव्यापी हड़ताल के समर्थन में धरना पर बैठे कर्मचारियों को संबोधित करते हुए सीटू नेता संजय पासवान ने बताया कि, देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने वर्ष 1956 में करीब 5 करोड़ की पूंजी से एलआईसी की स्थापना की थी. उस समय 245 निजी बीमा कंपनियां देश की गरीब जनता को लूट रही थी. एलआईसी ने गत 65 वर्षों में ना केवल लोगों का पैसा सुरक्षित किया. बल्कि देश की अर्थव्यवस्था के विकास में भरपूर योगदान दिया है.
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भारतीय जीवन बीमा की वर्तमान वित्तीय स्थिति
एलआईसी की वर्तमान में 32 लाख करोड़ की संपत्ति है. वह इसके लगभग 40 करोड़ पॉलिसी धारक हैं. सरकार का आधारहीन तर्क है कि, आईपीओ लाने से इसका विकास होगा. जबकि 32 लाख करोड़ की संपत्ति वाला संस्थान पहले ही वित्तीय रूप से मजबूत है. उसको किसी और अधिक पूंजी की आवश्यकता नहीं है. यह संस्थान स्वयं पूंजी निर्माता है. एवं देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान दे रहा है. केंद्र सरकार अगर निजीकरण की नीति वापस नहीं लेती है, तो एलआईसी को बचाने के लिए जन समर्थन जुटाकर सीटू आंदोलन को तीव्र करेगा.
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