Koderma : अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश द्वितीय अजय कुमार सिंह की अदालत ने तीन आदिवासी युवतियों की तस्करी मामले में सजा सुनाई. जज ने मामले की सुनवाई करते हुए दो लोगों को 14 वर्ष सश्रम कारावास और 25 हजार रूपये जुर्माना लगाया. मामले में आरोपी महेश यादव, 25 वर्ष पिता किशुन यादव, ग्राम गरंगी थाना मरकच्चो और धीरज प्रसाद 30 वर्ष, पिता महेश्वर प्रसाद, रजौली नवादा को आईपीसी की धारा 370/371 के तहत दोषी पाया गया. शनिवार को 14 वर्ष सश्रम कारावास की सजा सुनायी गई. साथ ही 25 हजार जुर्माना भी लगाया गया. जुर्माना की राशि नहीं दिए जाने पर 1 वर्ष अतिरिक्त सजा भुगतनी होगी. इसे लेकर तत्कालीन तिलैया थाना प्रभारी इंस्पेक्टर केपी यादव ने तिलैया थाना में कांड संख्या 32/15 दर्ज कराया था. उन्हें सूचना मिली थी कि 3 आदिवासी युवतियों को 2 लोगों के द्वारा काम दिलाने के नाम पर बहला-फुसलाकर दिल्ली ले जाने के लिए गाड़ी में बैठाया गया है. सूचना मिलते ही इंस्पेक्टर महिला पुलिस एवं पैंथर के जवानों के साथ बस स्टैंड पहुंचे, तो पाया कि तीन नाबालिग आदिवासी युवतियों के साथ दो युवक बैठा हुआ है. पुलिस को देखकर वह लोग भागने लगे. पुलिस ने दौड़ाकर दोनों युवकों को पकड़ा और पूछताछ की. दोनों आरोपियों ने बताया कि काम दिलाने के नाम पर तीनों युवतियों को वे लोग दिल्ली ले जा रहे थे. इसे लेकर तिलैया थाना प्रभारी ने मामला दर्ज कराया था.
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