koderma : झुमरीतिलैया के स्वच्छता दूत संजय कुमार वर्णवाल उर्फ एस के उजाला ने एक अलग व्यक्तित्व की परिभाषा पेश कर रहे है. वो अपने नाम के अनुसार अपने क्षेत्र में उजाला फैलाने का काम कर रहे है. उन्होने काम तो बहुत सारा किया है. लेकिन बीती रात उन्होंने आज के युवा और लोगों के लिए एक उदाहरण बनने का काम किया है.
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झंडा चौक की सड़कों पर पड़ा है गड्ढ़ा
झुमरीतिलैया के झंडा चौक पर सड़क में कई गड्ढ़े पड़ें हुए थे. जब संजय की नजर उसपर पड़ी तो वो उसे ठीक करने की ठानी. जिसके बाद देर रात वो जब सड़कों में वाहनों का आवागमन थोड़ी कम हुआ तो वो उसकी मरम्मत करते हुए देखे गये. जब लोगों ने सड़क की मरम्मत करते हुए व्यक्ति को देखा. तो लोग खराब सड़क के पास पहुंचे. तो देखा कि एक व्यक्ति सड़क पर पड़े गड्ढ़े की मरम्मत कर रहा है.
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लोगों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है
लोगों ने जब उनसे मरम्मत करने का कारण पूछा तो उन्होने बताया कि काफी समय से झंडा चौक के इर्दगिर्द गड्ढा हो गया है. जिससे आने जाने वाले लोगों के दुर्घटनाग्रस्त होने की संभावना बनी रहती है. जिसे देखकर मुझसे रहा नहीं गया और मैं अपने घर से ही सीमेंट बालू और छररी लेकर इसका मरम्मत करने लगा.
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उनका लक्ष्य शहर को खूबसूरत बनाना है
उन्होंने यह भी कहा कि मेरा लक्ष्य है कि शहर में इस तरह की समस्या न हो, जिसे आसानी से हल किया जा सकता है. मैं अपने शहर के लिए हमेशा से तैयार बैठा हूँ. इस कार्य में इनकी पत्नी प्रियंका वर्णवाल का भी पूरा योगदान मिलता है.
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पूरे भारत में झुमरीतिलैया को उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया है
बता दें कि इस जगह पर दिन भर लोगों की भीड़ लगी रहती है.यहां तक कि भीड़ के वजह से ट्रैफिक पुलिस को लगाया गया है फिर भी इस ओर न तो कभी प्रशासन का या न तो जन प्रतिनिधि का ध्यान गया है. वैसे वादे तो बहुत किए जाते हैं. लेकिन इस पर अमल कम ही किया जाता है. ज्ञात हो कि पिछले दिनों झुमरीतिलैया को प्रधानमंत्री जी के द्वारा उत्कृष्ट कार्य के लिए पूरे भारत में दूसरे स्थान के लिए सम्मानित किया गया था.
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केवल कागजों पर ही शोभा दे रहा है
धरातल की बात करें. तो सम्मान मिलना केवल कागजों पर ही शोभा दे रहा है. जबकि जमीनी हकीकत कुछ ओर ही देखने को मिलता है. ऐसे में संजय कुमार उजाला का प्रयास एक साहसिक कदम है.
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