Koderma : मौजूदा समय में पुलिसिंग भी आधुनिक हो गयी है. सीडीआर, सीसीटीवी फुटेज जैसे कई वैज्ञानिक साक्ष्य अब मुकदमे में शामिल किए जाने लगे हैं. हालांकि आधुनिक पुलिसिंग के बीच परंपरागत पुलिसिंग के समावेश पर भी जोर दिया जा रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए आइजी की ओर से थानों के अधिकारियों के निरीक्षण शैली में बदलाव की कवायद की गयी है. थाने के निरीक्षण के दौरान पुलिस अधीक्षक को अब रजिस्टर में अंकित करना होगा कि उन्हें कैसी व्यवस्था मिली. खामियों को दूर करने के संबंध में उनकी ओर से सुझाव, निर्देश लिखित रूप से देना होगा. उन्हें निरीक्षण के उपरांत अपनी ओर से दिए गए निर्देश व सुझाव को रजिस्टर में दर्ज करना होगा. ताकि उनके निर्देश पर कितना अमल थानेदार और वहां के पुलिसकर्मियों ने किया है, इसकी परख हो सके. अपराध न होने पर भी थानों के निरीक्षण करने का नियम है. पुलिस अधीक्षक की ओर से समय-समय पर अलग-अलग थाने व पुलिस चौकी का निरीक्षण किया जाता है. थानों के खामियों और अव्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए निर्देश भी दिए जाते हैं, सारे निर्देश का रिकौर्ड रखा जाता है. पुलिस अधीक्षक कुमार गौरव ने बताया कि 2022 में जिले के सभी थानों (कोडरमा थाना, तिलैया थाना, चंदवारा थाना, डोमचांच थाना, मरकच्चो थाना, नवलसाही थाना, सतगावां थाना, तिलैया डैम ओपी थाना) का निरीक्षण किया गया है, जबकि साल के अंत तक सभी थानों का पुनः निरीक्षण कर लिया जाएगा.
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