Kuntlesh Pandey
Koderma : जयनगर प्रखंड अंतर्गत विभिन्न नदियों का स्वरूप बिगड़ता जा रहा है. बड़ी-बड़ी नदियां (200 से 300 फीट चौड़ाई) अब नाले का रूप ले रही हैं. इसका मुख्य कारण बेतरतीब तरीके से अवैध बालू का खनन है. आये दिन नदियों से अवैध बालू का खनन किया जा रहा है. जिससे नदियों में बालू की मात्रा तो कम हो ही रही है, जलस्तर भी घट रहा है. इसके अलावा नदियों का दायरा भी सिमट रहा है. इससे सरकार को भी लाखों के राजस्व का नुकसान हो रहा है. वहीं बालू माफिया हर दिन 1000 से 2500 रुपये प्रति ट्रैक्टर बालू बेच रहे हैं.
बताते चलें कि बालू के अवैध खनन की जानकारी विभाग को भी है. आये दिन अखबारों में अवैध खनन को लेकर खबर प्रकाशित की जा रही है. इसके बावजूद भी विभाग मौन है. कहीं ना कहीं यह अधिकारियों की लापरवाही और मिलीभगत को दिखा रही है.
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आने-वाले समय में लोग पानी के लिए होंगे त्राहिमाम-केदारनाथ यादव
इस बारे में जिला परिषद सदस्य केदारनाथ यादव ने कहा कि बालू के अवैध खनन में प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकार और विभाग का हाथ है. दोनों की मिलीभगत से यह काम धड़ल्ले से हो रहा है. इससे आने वाले दिनों में पेयजल की समस्या उत्पन्न हो जायेगी. लोग पानी के लिए त्राहिमाम करते नजर आयेंगे. इससे बालू की किल्लत तो होगी ही. साथ ही नदियां भी नाले का स्वरूप ले लेंगी. कहा कि अगर विभाग बालू माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई नहीं करती है तो आने वाले समय में क्षेत्र की जनता को काफी नुकसान होगा.
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