Chaibasa : कोल्हान विश्वविद्यालय के नव निर्मित ऑडिटोरियम विवि प्रशासन को हैंडओवर करने से पूर्व ही दरारें आनी शुरू हो गयी हैं. दरारें इतनी बड़ी हैं कि दीवारों के धंसने का भी खतरा खड़ा हो गया है. करोड़ों की लगात से बना यह ऑडिटोरियम कोल्हान प्रमंडलय का सबसे बड़ा ऑडिटोरियम है. लेकिन इसके निर्माण में अनियमितता का मामला उठने लगा है. छात्र प्रतिनिधियों ने भवन निर्माण मंे अनियमितता का मामला उठाते हुए राज्य सरकार व कोल्हान विवि के पास पत्राचार किया है. लेकिन किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई है. मालूम हो कि कोल्हान विवि में पिछले दस सालों से एक ही कंपनी सत्यम बिल्डर्स को टेंडर मिल रहा है. लगातार अनियमितता की शिकायत के बावजूद भी विवि उसी को टेंडर देता है. छात्र प्रतिनिधियों ने गुरुवार को ऑडिटोरियम पहुंचकर सरकार व विवि से कार्रवाई करने की मांग की. छात्र प्रतिनिधियों ने कहा कि भवन हैंडओवर होने से पहले ही इसमें दरारें पड़ने लगी हैं.
जगन्नाथपुर और मनोहरपुर डिग्री कॉलेज भवन में भी आईं दरारें
कोल्हान विवि के ऑडिटोरिम के अलावा जगन्नाथपुर डिग्री कॉलेज व मनोहरपुर डिग्री कॉलेज में भी दरारें होने का मामला आया है. सभी भवन में हैंडओवर से पहले ही दरारें आने लगी हैं, छात्र प्रतिनिधियों ने कहा कि विद्यार्थीयों के भविष्य के लिए खतरा बनने जा रहा है. दरारें आना मतलब भविष्य में किसी भी प्रकार की अनहोनी घटना घट सकती है. उन्होंने कहा कि भवन निर्माण में सत्यम बिल्डर्स को ही टेंडर दिया जाता है, यह कहीं ना कहीं आपसी मिलीभगत एवं भ्रष्टाचार के संकेत को दर्शाता है. भवन निर्माण में अनियमितता को लेकर छात्र संघ ने इसकी लिखित शिकायत झारखंड राजभवन निर्माण निगम लिमिटेड को की है. लेकिन फिर भी विभागीय कार्रवाई नहीं की जा रही है. छात्र संघ अब यूजीसी को लिखित शिकायत पत्र भेजकर उच्च स्तरीय जांच कराने की मांग करेगा.
इस तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं है. विद्यार्थियों के भविष्य का सवाल है. जनता के पैसों से सरकारी भवन का निर्माण होता है. इसकी जांच होनी चाहिए.
सुबोध महाकुड़, छात्र संघ सचिव, कोल्हान विश्वविद्यालय, चाईबासा]विद्यार्थियों की सुरक्षा से खिलवाड़ है. उद्घाटन से पूर्व भवन में दरारें आना अनहोनी घटना का संकेत है. जिसे हम कभी स्वीकार नहीं करेंगे.
सनातन पिंगुवा, छात्रसंघ अध्यक्ष, पीजी विभागभवन निर्माण में अनियमितता बर्दाश्त नहीं करेंगे. ये विद्यार्थियों के भविष्य के साथ खिलवाड़ है. इसकी उच्च स्तरीय जांच हो और दोषियों के ऊपर कार्रवाई की जाए.
मंजित हांसदा, विश्वविद्यालय प्रतिनिधि, टाटा कॉलेज छात्रसंघ