Jamshedpur (Anand Mishra) : जमशेदपुर के करनडीह स्थित एलबीएसएम कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य डॉ अशोक कुमार झा की प्रोन्नति को लेकर जेपीएससी की ओर से जांच तो की गयी, लेकिन उसके बाद से मामला ठंडे बस्ते में चला गया है. जांच रिपोर्ट में क्या आया या उसके बाद क्या निर्णय लिये गये, आज तक यह स्पष्ट नहीं हो सका है. इसे लेकर चर्चा एक बार पुनः जोर पकड़ने लगी है. बता दें कि इससे पूर्व डॉ झा कोल्हान विश्वविद्यालय के प्रॉक्टर सह प्रवक्ता रह चुके हैं. उससे पूर्व एलबीएसएम कॉलेज में ही पदस्थापित थे. प्रॉक्टर पद पर उनका कार्यकाल खत्म होने के बाद निवर्तमान प्राचार्य डॉ अमर सिंह का स्थानांतरण कर दिया गया. डॉ अमर सिंह को जमशेदपुर को-ऑपरेटिव कॉलेज की कमान सौंपी गयी और डॉ अशोक कुमार झा एलबीएसएम कॉलेज के प्रभारी प्राचार्य बनाये गये. उसके बाद से वे एलबीएसएम कॉलेज में प्रभारी प्राचार्य के पद पर कार्यरत हैं. लेकिन इस बीच उनके प्रमोशन को लेकर जेपीएससी की ओर से करायी गयी जांच के बाद क्या हुआ, इस पर कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन भी स्पष्ट तौर पर कुछ नहीं बता पा रहा है. इस संबंध में डॉ अशोक कुमार झा से भी दूरभाष पर जानकारी लेने का प्रयास किया गया, लेकिन बात नहीं हो सकी.
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क्या है मामला
डॉ अशोक कुमार झा 1996 बैच के शिक्षक हैं. तब लेक्चरर के पद पर उनकी नियुक्ति हुई थी. उस समय उनके पास पीएचडी की उपाधि नहीं थी. नियुक्ति और योगदान के बाद एक ओरिएंटेशन कोर्स और एक रिफ्रेशर कोर्स डॉ झा ने किया. इसके आधार पर उन्हें सेवा में आने के छह वर्ष बाद वर्ष 2002 में सीनियर स्केल में प्रोन्नति मिली. यहां तक सबकुछ ठीक था. लेकिन उसके बाद पांच साल के अंतराल पर वर्ष 2007 में उन्हें एसोसिएट प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति मिली, उसे लेकर सवाल खड़े हो गये. क्योंकि उसमें एक ओरिएंटेशन कोर्स के अलावा तीन की जगह दो ही रिफ्रेशर कोर्स दिखाये गये थे. इस पर जेपीएससी की ओर से जांच करवायी गयी थी. डॉ झा और कोल्हान विश्वविद्यालय से प्रोन्नति को लेकर जेपीएससी की ओर से सवाल भी पूछे गये थे. जेपीएससी के सवाल का कोल्हान विश्वविद्यालय प्रशासन की ओर से क्या उत्तर दिया गया. विश्वविद्यालय के अधिकारी यह बताने से भी कतरा रहे हैं.
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क्या है नियम
जानकार बताते हैं कि आरंभिक सेवा के पांच साल पूरे करने पर सीनियर स्केल में प्रोन्नति मिलती है. इसके लिए एक ओरिएंटेशन और एक रिफ्रेशर कोर्स करना अनिवार्य है. उसके बाद एसोसिएट प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति के लिए सीनियर स्केल में प्रोन्नति के पश्चात दो रिफ्रेशर कोर्स होना अनिवार्य है. तभी एसोसिएट प्रोफेसर पद पर प्रोन्नति मिल सकती है.
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क्या कहते हैं विश्वविद्यालय के अधिकारी
- कोल्हान विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ गंगाधर पांडा ने कहा कि यह मामला मेरे समय का नहीं है. रांची विश्वविद्यालय के समय का रहा है. इस पर कुछ कागजात मांगे गये थे, जिसे विश्वविद्यालय भेज चुका है.
- विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ जयंत शेखर ने कहा कि इस मामले में शिकायत मिली थी, जिस पर पूछताछ की गयी थी. मामला जेपीएससी में गया था, लेकिन क्या हुआ, यह जानकारी नहीं है.