Chaibasa : कोल्हान विश्वविद्यालय से संबंद्धता प्राप्त एमजीएम कॉलेज जमशेदपुर के एमबीबीएस छात्र मनीष राणावत को फेल करने के मामले पर हाईकोर्ट ने निर्णय लेते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन को फटकार लगाई है. साथ ही कोल्हान विवि के परीक्षा विभाग को आदेश दिया कि छात्र की दोबारा परीक्षा लेकर उसका परिणाम जारी करें. जिसके बाद विवि प्रशासन ने 2 व 9 अगस्त को मनीष रावावत की थर्ड ईयर पार्ट टू की दोबारा परीक्षा ली. कोल्हान विवि के प्रवक्ता डॉ पीके पाणी ने कहा कि हाईकोर्ट के आदेश के बाद छात्र मनीष राणावत की दोबारा परीक्षा ली गई है. कुछ कर्मचारियों की लापरवाही के कारण विश्वविद्यालय स्तर पर गड़बड़ी हुई है. हालांकि अब कोर्ट के निर्देश का पालन करना हमारी जिम्मेवारी है.
पहले एडमिट कार्ड नहीं आया, परीक्षा हॉल में हंगामा करने पर देने दी गई परीक्षा
एमजीएम कॉलेज जमशेदपुर के एमबीबीएस के छात्र मनीष राणावत (सत्र 2015-20) ने एमबीबीएस थर्ड ईयर पार्ट टू की परीक्षा दी थी, इसके बावजूद उसका परिणाम घोषित नहीं किया गया. उसकी उत्तरपुस्तिका भी विश्वविद्यालय के पास नहीं पहुंची. एमजीएम होम सेंटर में उसने परीक्षा दी थी. परीक्षा फार्म भरने के बावजूद उसका एडमिट कार्ड विवि ने जारी नहीं किया. जब परीक्षा के दौरान छात्र मनीष राणावत ने परीक्षा हॉल में हंगामा करना शुरू किया तो आनन-फानन में एमजीएम कॉलेज की ओर से एडमिड कार्ड जारी किया. जिसके बाद उन्हें परीक्षा में शामिल होने की अनुमति प्रदान हुई. जिसके बाद उन्होंने परीक्षा लिखी. मालूम हो कि थर्ड ईयर पार्ट टू की परीक्षा 2018 में आयोजित हुई थी.
स्क्रूटनी के लिए आवेदन किया तब पता चला कि कॉपी ही नहीं आई विश्वविद्यालय
लेकिन कुछ माह बाद जब सभी विद्यार्थियों का परिणाम निकला तो मनीष राणावत का रिजल्ट फेल का आया, जिसके बाद वे परेशान हो गये. लगातार कॉलेज व विश्वविद्यालय का चक्कर लगाते रहे. स्क्रूटनी के लिये आवेदन भी किया. लेकिन कोई लाभ नहीं हुआ. विवि प्रशसन भी हरकत में आ गया जब उसकी उत्तरपुस्तिका विश्वविद्यालय तक नहीं आने का मामला प्रकाश में आया. परीक्षा विभाग तक उसकी उत्तरपुस्तिका नहीं पहुंचने का मामला सामने आने के बाद मनीष राणावत ने हाईकोर्ट में कोल्हान विश्वविद्यालय के खिलाफ केस कर दिया. जबकि एमजीएम कॉलेज जमशेदपुर को थर्ड पार्टी बनाया. आखिरकार छात्रहित में हाईकोर्ट ने निर्णय लेते हुये दोबारा परीक्षा लेने का आदेश विवि को दिया.