Kolkata: उत्तर बंगाल के अलीपुरद्वार जिले के जयगांव में गुरुवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष के काफिले पर हमला किया गया. इसमें उनकी गाड़ी को नुकसान पहुंची है और वे बाल-बाल बच गये. हमले का आरोप तृणमूल समर्थकों पर लगा है जो दिलीप घोष के खिलाफ नारेबाजी कर रहे थे और काला झंडा दिखा रहे थे. आरोप है कि तृणमूल समर्थकों ने कालचीनी के भाजपा विधायक विल्सन चंपामारी की कार में भी तोड़फोड़ की. दूसरी ओर, तृणमूल पूरे मामले से पल्ला झाड़ लिया है.
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बगैर अनुमति भाजपा ने निकाला जुलूसः पुलिस
पुलिस का कहना है कि भाजपा को जुलूस निकालने की अनुमति नहीं दी गई थी. भाजपा का जुलूस पूरी तरह से नियम के खिलाफ था. विधानसभा में भाजपा विधायक दल के नेता मनोज टिग्गा ने बताया कि भाजपा अध्यक्ष दिलीप घोष गुरुवार की सुबह उत्तर बंगाल के अलीपुद्वार के जयगांव में जुलूस निकाल रहे थे. बड़ी संख्या में मोटरसाइकिल पर सवार होकर भाजपा समर्थक जा रहे थे. पुलिस ने जुलूस को रोकने की कोशिश की, लेकिन पुलिस उन्हें नहीं रोक पाई.
गाड़ियों पर किया पथराव, टूटे शीशे
इस बीच, जयगांव पहुंचते ही दिलीप घोष व भाजपा विधायक समेत अन्य नेताओं की गाड़ियों पर पथराव किया गया. इससे गाड़ियों के शीशे टूट गए. लेकिन किसी के घायल होने की सूचना नहीं है. दूसरी ओर भाजपा प्रदेश अध्यक्ष पर हमले के खिलाफ भाजयुमो ने पूरे राज्य में शाम चार बजे विरोध प्रदर्शन किया. भाजपा युवा मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष सौमित्र खां ने कहा कि पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष पर जिस तरह से हमले किए गए हैं, इससे साफ हो गया है कि राज्य की कानून व्यवस्था की स्थिति कितनी खराब है. उन्होंने कहा कि उनके पार्टी अध्यक्ष पर कायर की तरह हमला किया गया है. इसके खिलाफ पूरे राज्य में विरोध प्रदर्शन किया गया. वहीं भाजपा राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मुकुल राय, सांसद अर्जुन सिंह, बंगाल के प्रभारी कैलाश विजयवर्गीय से लेकर राज्य के सभी शीर्ष नेताओं ने इस घटना को लेकर तृणमूल पर हमला बोला.
दिलीप घोष के काफिले पर हमले से बिफरे कैलाश विजयवर्गीय
भाजपा के महासचिव व प्रदेश भाजपा के केंद्रीय प्रभारी कैलाश विजयर्गीय ने भाजपा अध्यक्ष पर हमले की निंदा की. उन्होंने कहा जब कभी अति होती है उसका अंत बहुत खराब होता है. उन्होंने कहा पुलिस को उनके मूवमेंट पर ध्यान रखना चाहिए. जब मूवमेंट होता है, वहां पुलिस खड़ी थी. पथराव हुआ. पुलिस वहां के कार्यकर्ता या गुंडे सम्मलित हैं और एक साथ मिलकर रहे हैं, यह चिंता की बात है. यदि प्रदेश अध्यक्ष की सुरक्षा नहीं कर सकते हैं, तो किसकी सुरक्षा करेंगे?