Dhanbad: शहरी क्षेत्र में फुटपाथ पर दुकान लगाने वाले लोगों का सर्वे किया जाएगा. दुकानदारों के अलग – अलग व्यवसाय की जानकारी लेने के साथ – साथ केंद्र और राज्य से मिलने वाली सरकारी सुविधाओं की भी जानकारी ली जाएगी. उक्त जानकारी सोमवार को ऑल इंडिया इंस्टीच्यूट ऑफ़ लोकल सेल्फ गवर्मेंट के उप निदेशक रवि कुमार ने दी. उन्होंने बताया कि उनकी संस्था झारखंड के 20 नगर निकाय में सर्वे का काम कर रही है. धनबाद में नगर निगम क्षेत्र एवं चिरकुंडा नगर परिषद क्षेत्र में सर्वे का काम करना है. सरकार हर तीन साल में फुटपाथ दुकानदारों का एक्चुअल डाटा तैयार करने के लिये सर्वे कराती है. धनबाद में पिछली बार 2016-17 में सर्वे हुआ था. अगले 10 दिनों में सर्वे का काम शुरू हो जाएगा. टीम के 40 सदस्य इस कार्य में को पूरा करेंगे. सभी दुकानदारों का इस बार जियो टैग भी किया जाएगा ताकि उनका सही लोकेशन पता चल सके. सर्वेक्षण में नगर निकाय की भी मदद ली जाएगी.
वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड ——-
डिजिटल सर्वेक्षण में स्ट्रीट वेंडर्स से राशन कार्ड, बीपीएल कार्ड, वोटर आईडी कार्ड, आधार कार्ड, बैंक पासबुक, पैन कार्ड, पुराना वेंडर आईडी कार्ड आदि की छाया प्रति ली जायेगी. विक्रेताओं के घर का छत पक्का बना है नहीं, घर में कितने कमरे हैं, उज्जवला योजना के तहत गैस सिलेंडर और चूल्हा, कन्यादान योजना, शौचालय, राशन कार्ड, प्रधानमंत्री आयुष्मान कार्ड, शहर में अपनी जमीन है या नहीं आदि सवाल पूछे जाएंगे. साथ ही वेंडर का पासपोर्ट आकार का फोटो और नॉमिनी का फोटो लिया जाएगा.
पथ विक्रेताओं के व्यवसाय की स्थिति
दुकानदारों के व्यवसाय के प्रकार के साथ-साथ वेंडिंग का समय व स्थान, सप्ताह में कितने दिन व्यवसाय करते हैं. प्रतिदिन औसत बिक्री, प्रतिदिन औसत बचत, दुकान कैसा है के साथ-साथ परिवार की कोई महिला सदस्य स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं हैं या नहीं, आपके परिवार का कोई सदस्य कौशल विकास का प्रशिक्षण प्राप्त किया है या नहीं , पथ विक्रेता आश्रय गृह में रहते है या नहीं आदि जानकारी ली जाएगी. सर्वे ऑनलाइन और ऑफ़ लाइन दोनों तरीके से किया जाएगा. सर्वे की रिपोर्ट नगर निकाय और नगर विकास विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी. इस सर्वे का उद्देश्य पथ विक्रेताओं की वास्तविक स्थिति का पता लगाना तथा उसके अनुसार उन्हें सरकारी सुविधाएं प्रदान करना है.
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