Vinit Upadhyay
Ranchi : हेमंत सोरेन सरकार से संबंधित जनहित याचिका (4290/2021) में बहस करने के लिए देश के सबसे प्रशंसित वकीलों में से एक कपिल सिब्बल को 22 लाख रुपये का भुगतान झारखंड सरकार करेगी. जानकारी के मुताबिक, इस मामले में अब तक वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल राज्य सरकार की ओर से छह मौकों पर अदालत में पक्ष रख चुके हैं. दो बार सुप्रीम कोर्ट के सामने और 4 बार झारखंड हाईकोर्ट के सामने. इसके अलावा महाधिवक्ता राजीव रंजन भी राज्य सरकार की ओर से अदालत में पक्ष रखने के लिए पेश होते हैं और उन्हें सर्वोच्च न्यायालय के समक्ष राज्य सरकार का प्रतिनिधित्व करने का अधिकार है.
सरकार की ओर से बहस के लिए अधिकृत किया गया है
इस मामले के याचिकाकर्ता शिवशंकर शर्मा ने आरोप लगाया है कि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन, उनके करीबी सहयोगियों और अन्य ने विभिन्न शेल कंपनियों में अपना बेहिसाब पैसा लगाया है. याचिकाकर्ता ने उस मामले की सीबीआई जांच की मांग की है, जिसका राज्य सरकार विरोध कर रही है. इसलिए, उसने राज्य की ओर से बहस करने के लिए वरीय अधिवक्ता कपिल सिब्बल को शामिल किया है. लगातार संवाददाता को प्राप्त राज्य कानून विभाग के दस्तावेज और पत्राचार के अनुसार, कपिल सिब्बल को सरकार का पक्ष रखने के लिए राज्य सरकार की ओर से 22 लाख रुपये मिलेंगे. कपिल सिब्बल के साथ एक पत्राचार में कानून विभाग के प्रमुख सचिव नलिन कुमार ने कहा है कि सरकार ने उन्हें जनहित याचिका 4290/2021 में राज्य सरकार की ओर से बहस करने के लिए अधिकृत किया है.
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भुगतान कैबिनेट सचिवालय और सतर्कता विभाग करेगा
कानून विभाग ने कपिल सिब्बल की सहायता के लिए सुप्रीम कोर्ट में एडवोकेट-ऑन- रिकॉर्ड पल्लवी लंगर को भी अधिसूचित किया है. पत्र में कहा गया है कि जनहित याचिका पर 13 मई को होने वाली सुनवाई के लिए राज्य सरकार उन्हें 22 लाख रुपये फीस के रूप में देगी और इसका भुगतान कैबिनेट सचिवालय और सतर्कता विभाग करेगा. इसमें कोई भ्रम नहीं है कि सरकारी पत्राचार में उल्लिखित राशि एक सुनवाई के लिए है.
मुकुल रोहतगी भी हेमंत सोरेन का प्रतिनिधित्व करते हैं
हेमंत सोरेन ने सुप्रीम कोर्ट के एक और शीर्ष वकील मुकुल रोहतगी को भी इंगेज किया है. हेमंत सोरेन की ओर से रोहतगी अब तक सात बार अदालत में पेश हो चुके हैं. मुकुल रोहतगी ने बॉलीवुड स्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को एनसीबी के ड्रग मामले में कोर्ट में बचाव किया था. मालूम हो कि शिवशंकर शर्मा ने एक और जनहित याचिका 727/2022 दायर की है, जिसमें उन्होंने मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर मुख्यमंत्री के साथ- साथ खनन और वन विभाग के मंत्री के रूप में उनके नाम पर पत्थर खनन पट्टे का लाभ उठाने का आरोप लगाया है.
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