Saurabh Shukla
Ranchi : राजेंद्र आयुर्विज्ञान संस्थान (रिम्स) में हर जगह दलालों से सावधान रहने की चेतावनी लिखी दिख जाती है. इसके बावजूद रिम्स परिसर के विभिन्न विभागों में दलाल सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं. लगातार.इन की एक्सक्लूसिव पड़ताल में जानिए कि कैसे ये खूनचुसवा दलाल रिम्स में सक्रिय हैं. ये गरीबों का खून सस्ते में निकाल कर महंगे दामों पर जरूरतमंदों को बेच देते हैं.
रिम्स ब्लड बैंक के आसपास सक्रिय हैं दलाल
रिम्स में राज्य एवं राज्य के बाहर के लोग भी बेहतर इलाज और उपचार की आशा में आते हैं. वैसे लोग जिन्हें खून की आवश्यकता होती है, वे ब्लड बैंक पहुंचते हैं. ब्लड लेने वाले जरूरतमंदों के पास डोनर नहीं होता है, तो दलाल उसे अपने झांसे में लेकर पैसे के बदले खून देने का लालच देते हैं. लगातार.इन को जब इस बात की जानकारी मिली तो संवाददाता इस तफ्तीश में जुट गया.
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मरीज बनकर बात की और मिनटों में पहुंच गया दलाल
लगातार.इन संवाददाता को एक कागज पर लिखे हुए दो मोबाइल नंबर मिले. ये नंबर रिम्स ब्लड बैंक के पास एक मरीज के परिजन ने दिया था. इसके बाद शुरू होती है पड़ताल. लगातार.इन संवाददाता ने उस नंबर पर कॉल किया और कहा कि मुझे खून की बेहद जरूरत है. उधर से बात करने वाले शख्स ने कहा कि आप ब्लड बैंक के पास ही रहिये. मैं आपके पास आता हूं. 10 मिनट के अंदर एक व्यक्ति ब्लड बैंक पहुंचता है और अपने सरगना को कॉल करता है.
सरगना साजिद नाम का व्यक्ति है. वह ब्लड बैंक पहुंचकर कहता है कि मैं आपको खून दिला दूंगा. खून के बदले आपको चार हजार रुपये देने होंगे. संवाददाता पैसा देने के लिए तैयार हो जाता है. इसके बाद साजिद अपने दूसरे सहयोगियों को फोन करता है. कॉल करने के 10 मिनट के बाद ही दो युवक अंकित और प्रशांत रिम्स ब्लड बैंक पहुंच जाते हैं.
डोनर अंकित और प्रशांत करते हैं कपड़े की फेरबदल
ब्लड बैंक पहुंचने के बाद अंकित अपनी टीशर्ट उतार कर प्रशांत को देता है और प्रशांत की टीशर्ट ले लेता है. इसके बाद साजिद के साथ दोनों युवक ब्लड बैंक पहुंचते हैं, तब तक इस पूरे मामले का भंडाफोड़ हो जाता है. दलाल और उसके साथ आये लड़कों को रिम्स को जूनियर डॉक्टर, सैप के जवान और स्थानीय प्रशासन पकड़ लेते हैं.
हजार रुपये का लालच देकर सरगना निकालता है खून
इस पूरे प्रकरण में 4 लोग शामिल है. पहला नाम साजिद का है. इस घटना में दो युवक अंकित और प्रशांत भी शामिल हैं. पकड़े जाने के बाद अंकित ने कहा कि वह 12वीं कक्षा का छात्र है और रांची के हिनू चौक में रहता है. प्रशांत ने बताया कि वह 11वीं का छात्र है और रांची के तुपुदाना में रहता है. साजिद ने उन्हें एक हजार रुपये का लालच देकर खून देने के काम में लगा रखा है.
बगैर पैसे के खून देने का है प्रावधान-डॉ सुषमा
इस घटना का पर्दाफाश होने के बाद ब्लड बैंक की इंचार्ज डॉ सुषमा कुमारी ने कहा कि रिम्स में ऐसी घटनाएं होती हैं. यह गलत है. रिम्स ब्लड बैंक का यह प्रयास होता है कि जरूरतमंद लोगों को फ्री में खून दिया जाये. डोनर नहीं मिलने की परिस्थिति में भी फ्री में ब्लड दिया जाता है. वहीं सरकार द्वारा जारी गाइडलाइन के अनुसार थैलेसीमिया, सिकल सेल एनीमिया, हिमोफीलिया और ए प्लास्टिक एनीमिया जैसे ब्लड ट्रांसफ्यूजन वाले मरीजों को भी फ्री में खून दिया जाता है.
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