Bermo: बेरमो का मजदूर दौलत महतो दुबई में बंधक था. इस संबंध में lagatar.in ने कल खबर प्रमुखता से लगाई थी. खबर का असर ऐसा हुआ कि कंपनी का सुपरवाइजर लालमोहन महतो सक्रिय हो गया. यह वही लालमोहन है, जिसने पिछले महीने जनवरी में दौलत महतो को दुबई भेजा था. बता दें कि यह मामला बेरमो के पेंक नारायणपुर बरई गांव का है.
मंगलवार को सुपरवाइजर लालमोहन महतो ने आनन-फानन में दुबई में बंधक बने प्रवासी मजदूर दौलत महतो की वापसी के लिए कंपनी से बात की. फिर उसकी वापसी की टिकट बुक की. इसके बाद लालमोहन महतो बरई गांव स्थित दौलत महतो के घर गया. उसकी पत्नी सुनीता देवी से मिला और मजदूर की वापसी का टिकट दिखाया.
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कहा कि बुधवार को दौलत महतो दुबई में प्लेन में बैठेगा. देर रात रांची में उतर जाऐगा. लालमोहन ने बताया कि दौलत का पासपोर्ट और वीजा सहित अन्य कागजात कंपनी प्रबंधक ने उन्हें सौंप दिया है. इस मामले में सामाजिक कार्यकर्ता भुवनेश्वर कुमार महतो और प्रवासी मजदूर की पत्नी सुनीता देवी ने कहा कि खुशी की बात है कि मीडिया के पहल से पति की वापसी संभव हो सकी है.
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एजेंट लालमोहन के जरिये गये थे दुबई
बता दें कि कंजकीरो निवासी सह कंपनी के सुपरवाइजर लालमोहन महतो बरई गांव के निवासी दौलत महतो को जॉब दिलाने के नाम पर 19 जनवरी को दुबई भेजे थे. बताया गया था कि उसे वहां टेक्निकल जॉब मिलेगा और अच्छी सैलरी मिलेगी. अच्छी जॉब के लिए लालमोहन ने उससे मोटी रकम भी वसूली. वहां जाने पर उसे कोई काम भी नही मिल रहा था. साथ ही खाने की भी दिक्कत हो गई थी.
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पत्नी को हुआ भरोसा
दौलत महतो ने अपनी पत्नी को बताया था कि अब लालमोहन फोन भी रिसीव नही कर रहा है. जबकि दुबई भेजने के समय भरोसा दिलाया था कि वहां कोई दिक्कत नही होगी. इसकी जानकारी मिलने बाद Lagatar.in ने प्रमुखता से खबर को चलाया था. परिणामस्वरूप बंधक बने मज़दूर की वापसी हो रही है. मजदूर की पत्नी के चेहरे पर खुशी है. लेकिन पूर्णरूप से वापसी का इंतजार है.
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