Ranchi: रिवर व्यू प्रोजेक्ट के बहाने जुमार नदी अतिक्रमण करने के मामले में बड़ी कार्रवाई की गयी है. मुख्यमंत्री के आदेश पर कांके सीओ अनिल कुमार को निलंबित कर दिया गया है. साथ ही कांके अंचल के सीआई और राजस्व कर्मचारी के निलंबित करने का निर्देश दिया गया है. कार्मिक की तरफ से अब रांची के डीसी को सीआई और राजस्व कर्मचारी को निलंबित करने के लिए लिखा जा रहा है.
इन दोनों के निलंबन का आदेश डीसी की तरफ से जल्द ही जारी किए जाने की उम्मीद है. इस खबर को सबसे पहले लगातार ने प्रकाशित किया था. किस्त दर किस्त खबर लिखी गयी थी. जिसके बाद सरकार की तरफ से एसीबी जांच करायी जा रही है. रांची के उपायुक्त ने भी अपनी रिपोर्ट में भू राजस्व विभाग को कार्रवाई करने की अनुशंसा की थी.
इससे बाद विभाग की तरफ से कार्मिक को कार्रवाई करने के लिए पत्र लिखा गया था. कार्मिक ने कार्रवाई करने की अनुशंसा मुख्यमंत्री के पास भेज दी थी. बता दें कि जिले के कांके अंचल में नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी के पीछे स्थित जुमार नदी और उसके आसपास के 25 एकड़ सरकारी जमीन अतिक्रमण कर रिवर व्यू प्रजेक्ट को डेवलप किया जा रहा था.
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भू-माफिया जुमार नदी के किनारे को मिट्टी डाल कर भरने और जेसीबी से समतल करने का काम कर रहे थे. यहां लगभग 20.59 एकड़ जमीन गैर मजरुआ प्रकृति की है, जिसमें 20.20 एकड़ भूमि खतियान में नदी के रूप में दर्ज है.
रांची के उपायुक्त छविरंजन ने मामले के सामने आने के बाद अपर समाहर्ता, भू हदबंदी से इसकी जांच करायी. अपर समाहर्ता ने जांच रिपोर्ट में कहा है कि यहां कुछ खाता संख्या के प्लॉट खतियान में भुइंहरी जमीन के रूप में दर्ज हैं और खाता संख्या 142, प्लॉट संख्या 2309 की जमीन गैरमजरुआ मालिक प्रकृति की है.
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बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के लिए अर्जित है
साथ ही लगभग 20.59 एकड़ अतिरिक्त जमीन गैरमजरुआ मालिक प्रकृति की है. नदी के रुप में दर्ज 20.20 एकड़ जमीन के कुछ अंश पर रिवर व्यू गार्डेन के प्रोपराइटर कमलेश कुमार द्वारा मिट्टी भरवा कर समतलीकरण का काम कराया जा रहा है. बिरसा एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के लिए अर्जित है
उपायुक्त ने यह जांच रिपोर्ट भू राजस्व विभाग को सौंपते हुए लिखा है कि जमीन माफिया द्वारा सरकारी जमीन के अतिक्रमण में कांके के अंचल पदाधिकारी की मिलीभगत से इनकार नहीं किया जा सकता है. सरकारी जमीन का संरक्षक होने के बावजूद सीओ द्वारा सरकारी जमीन और नदी को भरने के मामले को नजरअंदाज करना, उनकी संलिप्तता की तरफ इशारा करता है.
इतना ही नहीं कांके सीओ द्वारा 10 नवंबर, 2020 को ई-मेल के माध्यम से प्रतिबंधित भूमि की जो सूची उपलब्ध करायी गयी है, उसमें उपरोक्त सरकारी भूमि को नहीं डाला गया है, जिसपर भू माफियाओं द्वारा कब्जा किया जा रहा है.
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कांके के अंचल अधिकारी ने स्पष्टीकरण का कोई जवाब नहीं दिया
उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में कांके सीओ अनिल कुमार को निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विभागीय कार्रवाई की अनुशंसा की है. डीसी ने लिखा है कि कांके के अंचल अधिकारी ने जमीन घोटाले के बारे में मांगे गये स्पष्टीकरण का कोई जवाब नहीं दिया. यह अनुशासनहीनता और सीनियर अधिकारी के आदेश की अवहेलना. डीसी ने उनकी सेवा कार्मिक विभाग को वापस करने की सिफारिश सरकार से की थी.
उपायुक्त ने अपनी रिपोर्ट में जमीन घोटाले के मामले में जिला प्रशासन द्वारा दर्ज करायी गयी प्राथमिकी पर तत्काल अनुसंधान करते हुए, इसमें संलिप्त सरकारी पदाधिकारियों, कर्मचारियों और जमीन दलालों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की अनुशंसा भी की थी. उपायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर मुख्यमंत्री ने एसीबी को पीई दर्ज कर जांच रिपोर्ट देने को कहा था.
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