Jamtara : लगातार.इन में खबर प्रकाशित होने के बाद बुजुर्ग दंपति का संज्ञान प्रशासन ने लिया. दरअसल गुरुवार को लगातार न्यूज नेटवर्क ने “रहने को घर नहीं, खाने को भोजन नहीं, अपना खुदा है रखवाला” शीर्षक से खबर चलायी थी. इस खबर का असर हुआ है. शुक्रवार को बीडीओ पल्लवी सिन्हा और अंचलाधिकारी सच्चिदानन्द वर्मा मौके पर पहुंचे थे. मोहनपुर पंचायत के नंदलाल मोहली और खैनी देवी को कजरा जंगल से अधिकारियों ने हटा लिया है. फिलहाल दंपति को अधिकारियों ने नंदलाल की बेटी सरिता देवी के घर पर रखा है.
इस मौके पर अंचलाधिकारी सच्चिदानंद वर्मा ने कहा कि, करीब दो दशक पूर्व इंदिरा आवास मिला था,जो एक कमरे का था. वह भी अपूर्ण है. साथ ही कहा कि परिवार के आठ सदस्यों का रहना उस घर में नामुमकिन है. मजबूरन नंदलाल मोहली की दो पोती को अपने मामा घर रहना पड़ रहा है.
वहीं नंदलाल मोहली और उनकी पत्नी खैनी देवी को 12 वर्ष जंगल में व्यतीत करना पड़ा. हालांकि फिलहाल नंदलाल मोहली को आवास नहीं मिल सका है. लेकिन प्रखंड विकास पदाधिकारी ने बिरसा आवास योजना के लिए अनुशंसा करने का भरोसा दिया है.
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पेंशन का दिया जायेगा लाभ
अंचलाधिकारी सच्चिदानंद वर्मा ने कहा कि नंदलाल मोहली को जल्द ही वृद्धा पेंशन की योजना से जोड़ा जायेगा. पेंशन योजना से जुड़ने की सारी अहर्ता रखते हैं. लेकिन आवश्यक कागजात और तकनीकी प्रक्रिया को पूरा करने के बाद पेंशन स्वीकृत कर दिया जायेगा. अंचलाधिकारी की ओर से नंदलाल मोहली को अनाज उपलब्ध कराया गया. साथ ही बीडीओ की ओर से उन्हें कंबल दिया गया.
सांसद सुनिल सोरेन ने भिजवाया कंबल
इस मामले का संज्ञान लेते हुए सांसद सुनील सोरेन ने अपनी करीबी श्यामसुंदर मंडल को मोहननपुर भेजा. और नंदलाल महोली के घर भेजकर तत्काल दो कंबल उपलब्ध कराया. साथ ही सुंदर मंडल ने जानकारी दी कि सासंद ने जिला प्रशासन को इस दंपति को सरकारी सुविधा देने का निर्देश दिया है.
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