NewDelhi : सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी केद्रीय मंत्री अजय मिश्रा के बेटे की जमानत के खिलाफ दायर याचिका पर सुनवाई के क्रम में राज्य सरकार(योगी सरकार) को नोटिस जारी कर पूछा है कि आखिर आरोपी की जमानत क्यों न खत्म कर दी जाये? साथ ही कोर्ट ने सरकार को निर्देश दिया है कि इस मामले में गवाहों की सुरक्षा सुनिश्चित हो, याचिकाकर्ताओं के वकील प्रशांत भूषण का कहना था कि अपराध की गंभीरता को देखते हुए हाई कोर्ट का आदेश गलत था.
यह भी आरोप लगाया कि कोर्ट में सुनवाई से पहले गवाह पर जानलेवा हमला किया गया. बता दें कि इस मामले में चार किसानों और चार अन्य लोगों की मौत हो गयी थी. इसमें दो भाजपा कार्यकर्ता, एक ड्राइवर और एक स्थानीय पत्रकार शामिल था.
इसे भी पढ़ें : इस्लामोफोबिया पर यूएन में पास हुआ पाकिस्तान समर्थित प्रस्ताव, भारत-फ्रांस ने किया विरोध
आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत मिल गयी थी
उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव के दौरान ही आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत मिल गयी थी. इससे पहले जब सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित एसआईटी ने जांच सौंपी थी. उसके बाद आशीष मिश्रा को गिरफ्तार किया गया था. आरोप है कि जिस गाड़ी से किसानों को कुचला गया वह आशीष मिश्रा की ही गाड़ी थी. कोर्ट ने कहा है कि मामले की अगली सुनवाई होली की छुट्टी के बाद होगी. किसानों को परिवार ने आशीष मिश्रा की जमानत के खिलाफ 10 फरवरी को विशेष अनुमति याचिका सुप्रीम कोर्ट में दायर की थी.
इसे भी पढ़ें : फिल्म कश्मीर फाइल्स के विरोध में उतरे सांसद बदरुद्दीन अजमल, केंद्र और असम सरकार को चेताया, बैन करने को कहा
एसआईटी ने पांच हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की है
हाई कोर्ट ने कहा था कि यह भी संभव है कि प्रदर्शनकारियों को बचाने के लिए ड्राइवर ने गाड़ी तेज चलाई हो और यह हादसा हो गया हो. हालांकि मृतक किसानों के परिवार इस संभावना से इनकार कर रहे हैं. इस मामले में उत्तर प्रदेश की एसआईटी ने पांच हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. आशीष मिश्रा केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे हैं. ऐसे में यह मामला हाइप्रोफाइल माना जा रहा है.