NewDelhi : लखीमपुर खिरी हिंसा मामले में आज शुक्रवार को यूपी की योगी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दी. सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से हो रही है. बता दें कि कोर्ट में सुनवाई के क्रम में आज यूपी सरकार को जमकर फटकार लगाई. पूछा कि मामला जब 302 का है तो गिरफ्तारी अबतक क्यों नहीं हुई. अभियुक्त जो भी हो कानून को अपना काम करना चाहिए! बता दें कि मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को आज क्राइम ब्रांच ने पूछताछ के लिए बुलाया था लेकिन वह नहीं पहुंचा. इस पर यूपी सरकार का पक्ष रखते हुए हरीश साल्वे ने कहा कि आशीष कल 11 बजे तक पेश हो जायेगा.
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साल्वे ने कहा ,आशीष मिश्रा को शनिवार सुबह 11 बजे तक की मोहलत दी है
हरीश साल्वे ने कहा कि किसानों की पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गोली लगने की बात सामने नहीं आयी है. हालांकि, कोर्ट में यूपी सरकार ने स्टेटस रिपोर्ट में बताया कि घटनास्थल से दो खाली कारतूस मिले थे. साल्वे ने कहा कि अभियुक्त आशीष मिश्रा को नोटिस भेजा गया है वो आज आने वाला था. लेकिन उसने कल सुबह तक का टाइम मांगा है. हमने उसे कल शनिवार सुबह 11 बजे तक की मोहलत दी है. इस पर सीजेआई ने पूछा कि जिम्मेदार सरकार और प्रशासन इतने गंभीर आरोपों पर अलग बर्ताव क्यों कर रहे हैं
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाये गये कदमों से संतुष्ट नहीं कोर्ट
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच में उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा उठाये गये कदमों से संतुष्ट नहीं है. उत्तर प्रदेश सरकार को कहा गया कि वह अपने डीजीपी से यह सुनिश्चित करने को कहें कि जब तक कोई अन्य एजेंसी इसे संभालती है तब तक मामले के सबूत सुरक्षित रहें. लखीमपुर मामले पर अब दशहरे की छुट्टियों के बाद सुनवाई होगी..
इससे पूर्व सुनवाई के क्रम में जानकारी सामने आयी कि हरीश साल्वे की कनेक्टिविटी में गड़बड़ होने से सुनवाई कुछ देर के लिए टल गयी थी. यूपी सरकार के वकील गरिमा प्रसाद ने SC से आग्रह किया कि मामले की सुनवाई थोड़ी देर के लिए टाल दी जाये क्योंकि हरीश साल्वे के ऑडियो में कुछ प्रॉब्लम है. समस्या दूर होते ही राज्य सरकार की तरफ से वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने बहस की शुरुआत की.
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जांच आयोग बना दिया गया है
बता दें कि कल गुरुवार को SC ने यूपी सरकार से मृतकों की जानकारी, FIR की जानकारी, अरेस्टिंग,जांच आयोग आदि के बारे में जानकारी मांगी थी. सरकार से आज स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने को कहा था, बता दें कि कोर्ट में यूपी सरकार की ओर से पेश वकील गरिमा प्रसाद ने कल कोर्ट को बताया था कि सरकार ने एफआईआर दर्ज कर ली है. हाईकोर्ट के रिटायर्ड जज की अगुआई में जांच आयोग बना दिया गया है.
सुनवाई के क्रम मे चीफ जस्टिस ने कहा कि हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर कितनी याचिकाएं दाखिल हुई हैं उनकी तफसील और स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करें. इससे पूर्व SC ने कहा कि इस मामले को जनहित याचिका के तहत रजिस्टर करने को कहा गया था, लेकिन कुछ गलतफहमी की वजह से इसे स्वत संज्ञान में डाल दिया गया. कहा कि मामले की सुनवाई अब कल होगी. बता दें कि इस घटना में आठ लोगों की मौत हुई थी. चीफ जस्टिस की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय बेंच इसपर सुनवाई कर रही है.
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