Ranchi : दिवंगत दारोगा लालजी यादव मौत की सीबीआई जांच कराने की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाने वाले याचिकाकर्ता अनुरंजन अशोक ने रांची के पुंदाग थाना में प्राथमिकी दर्ज करायी है. अपने आवेदन में उन्होंने कहा है कि मैंने झारखंड हाईकोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की है. जिसमें झारखंड सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर समेत अन्य लोगों को पार्टी बनाया गया है. जिसके बाद बीते 21 जनवरी को करीब 3:41 पर एक नंबर से उन्हें फोन आया. फोन करने वाले ने खुद का नाम मोहम्मद आलम बताया और अपना परिचय एक दुर्दांत अपराधी के रूप में दिया. फोन करने वाले शख्स ने कहा कि मैं कल ही जेल से बाहर आया हूं और अगर मेरे रांची आने तक तुमने मंत्री जी के विरुद्ध जनहित याचिका वापस नहीं ली तो तुम्हें गोली मार देंगे. तुम्हारे पास 1 दिन का समय है. आवेदन मिलने के बाद पुंदाग थाना प्रभारी इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं.
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पूरी घटना के पीछे कोयला और खनिज की लूट का विरोध प्रमुख वजह है
बता दें कि पलामू के दिवंगत दारोगा लालजी यादव मौत मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग को लेकर झारखंड हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गयी है. रांची के रहने वाले अनुरंजन अशोक ने लालजी यादव मामले को संदेहास्पद बताते हुए हाईकोर्ट में PIL दाखिल की है. याचिका में कहा गया है कि लालजी यादव की मृत्यु के बाद हाईकोर्ट में क्रिमिनल रिट दाखिल करने वाले लालजी यादव के भाई और पलामू एसपी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाने वाले उनके परिजनों को लगातार धमकी मिल रही है और केस उठाने के लिए दबाव बनाया जा रहा है. याचिका में यह भी कहा गया है कि इस पूरी घटना के पीछे कोयला और खनिज की लूट का विरोध प्रमुख वजह है. प्रार्थी ने राज्य सरकार के मंत्री मिथिलेश ठाकुर, उनके भाई, पलामू एसपी ,डीटीओ और एसडीपीओ को पार्टी बनाया है और उक्त सभी की संपत्ति की जांच की भी मांग अदालत से की गई है.
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