Ranchi: लालू प्रसाद यादव की जमानत पर हाइकोर्ट में कल यानी शुक्रवार को सुनवाई होगी. लालू की तरफ से आधी सजा पूरी करने का शपथपत्र अदालत में दाखिल करने के बाद जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई का आग्रह किया गया था.
जिसे अदालत में स्वीकार कर लिया है. 29 जनवरी को हाइकोर्ट में सुनवाई के लिए मामला सूचीबद्ध हो गया है. अब लालू यादव समेत उनके हजारों समर्थकों को झारखंड हाईकोर्ट में शुक्रवार को होने वाली सुनवाई का इंतजार है.
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दुमका कोषागार मामले में मांगी थी जमानत
दुमका कोषागार से अवैध निकासी के मामले में लालू ने जमानत मांगी है. इस मामले में सीबीआई कोर्ट ने लालू को सात साल की सजा सुनाई है.
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रिहाई के लिए अदालत से गुहार लगाई थी
स्वास्थ्य की समस्या से जूझ रहे लालू प्रसाद यादव ने जेल से जल्द रिहाई के लिए अदालत से गुहार लगाई थी. राजद सुप्रीमो लालू यादव ने झारखंड हाइकोर्ट से उनकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई के लिए अपने अधिवक्ता के माध्यम से मेशंन फ़ाइल कर अदालत से आग्रह किया था ताकि उनकी जमानत याचिका पर जल्द सुनवाई की जाये. इसके साथ ही दुमका कोषागार से जुड़े मामले की एलसीआर भी जवाब के रूप में कोर्ट में दाखिल कर दी गयी थी.
सीबीआइ ने अदालत में दायर किये गए अपने जवाब में कहा है कि लालू प्रसाद यादव जिस मामले में जमानत की मांग कर रहे हैं. उस मामले में सीबीआई कोर्ट द्वारा मुक़र्रर सजा की आधी अवधि पूरी नहीं हुई है. इसके अलावा सीबीआइ ने सीआरपीसी की धारा 427 का मामला भी अपने जवाब के उठाया है.
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दुमका कोषागार में भी एक दिन की सजा नहीं काटी- सीबीआइ
इसके आधार पर सीबीआइ का कहना है कि दुमका कोषागार से जुड़े मामले में लालू एक दिन भी जेल में नहीं रहे है.सीबीआई ने सीआरपीसी की जिस धारा 427 का जिक्र किया है उसके तहत किसी व्यक्ति को अगर एक तरह के मामले में कई बार सजा मिली है तो निचली अदालत द्वारा अपने आदेश में यह स्पष्ट किया जाता है. कि उक्त सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी, जबकि सीबीआई का दावा है कि लालू प्रसाद की ओर से निचली अदालत में इस तरह कोई आदेश नहीं दिया गया है. इसी आधार पर सीबीआइ का कहना है कि लालू प्रसाद यादव ने दुमका कोषागार में भी एक दिन की सजा नहीं काटी है.
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