NewDelhi : नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में इन्फोर्समेंट डायरेक्टोरेट (ईडी) ने लालू परिवार के कथित ‘सहयोगी’ व एके इंफोसिस्टम के प्रमोटर अमित कात्याल को गिरफ्तार कर लिया है. जानकारी के अनुसार, केंद्रीय जांच एजेंसी ने अमित कात्याल को शुक्रवार को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही थी. इसके बाद ईडी ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया. कात्याल को आज स्थानीय अदालत में पेश किया जा सकता है. ईडी अदालत से अमित कात्याल को रिमांड पर लेकर पूछताछ करने की इजाजत मांग सकती है. अगर कोर्ट ईडी की मांग को स्वीकार कर लेता है तो नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में कई अहम खुलासे हो सकते हैं.
दिल्ली हाईकोर्ट ने ईडी के समन के खिलाफ दायर याचिका की थी रद्द
बता दें कि अमित कात्याल एक व्यवसायी हैं और एके इंफोसिस्टम के प्रमोटर हैं. नौकरी के बदले जमीन घोटाला मामले में कात्याल और एके इंफोसिस्टम दोनों ईडी और सीबीआई की जांच के दायरे में हैं. ईडी ने कात्याल को कई बार समन भेजकर पूछताछ के लिए बुलाया था. लेकिन वो पिछले दो महीने से ईडी के समन की अनदेखी कर रहे थे. कात्याल ने दिल्ली हाईकोर्ट में ईडी के समन को रद्द करने की मांग को लेकर याचिका दायर की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया था.
लालू परिवार के करीबी हैं कात्याल
लालू और राबड़ी के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है सीबीआई
बता दें कि नौकरी के बदले जमीन घोटाले में सीबीआई ने तीन जुलाई को नयी चार्जशीट दायर की थी, जिसमें तेजस्वी यादव को भी आरोपी बनाया था. इससे पहले सीबीआई द्वारा दायर चार्जशीट में तेजस्वी का नाम नहीं था. हालांकि लालू, राबड़ी, मीसा भारती सहित अन्य आरोपियों का नाम पहले से ही चार्टशीट में थी. सभी को बेल भी मिल चुकी है. वहीं 12 सितंबर को केंद्रीय गृह मंत्रालय ने लालू के खिलाफ केस चलाने की अनुमति सीबीआई को दी थी.
ईडी और सीबीआई दोनों कर रही मामले की जांच
बता दें कि जमीन के बदले नौकरी मामले में सीबीआई की टीम लालू और उनके करीबियों के घर छापेमारी की थी. सीबीआई के अधिकारी राजद प्रमुख और उनके परिवार वालों से लगातार पूछताछ कर रहे हैं. सीबीआई की टीम ने लालू प्रसाद यादव से दिल्ली में पूछताछ की थी. वहीं बिहार में राबड़ी देवी के आवास भी सीबीआई टीम पूछताछ करने गयी थी. ईडी भी इस मामले की जांच कर रही है. ईडी ने लालू प्रसाद यादव, उनके करीबियों और अन्य आरोपियों के घर पर छापेमारी की थी. ईडी ने दिल्ली, दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, पटना और रांची में कई ठिकानों पर भी रेड मारी थी. ईडी ने ट्वीट करके बताया था कि छापेमारी में 1 करोड़ रुपये की नकदी, डेढ़ किलो से ज्यादा के सोने के गहने, 540 ग्राम सोना, अमेरिकी डॉलर समेत कई चीजें बरामद हुई.
ईडी का दावा, 600 करोड़ रुपये की मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य मिले
बता दें कि ईडी ने सीबीआई की प्राथमिकी के आधार पर प्रिवेंशन आफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत मामला दर्ज किया है. जमीन के बदले नौकरी घोटाले में ईडी ने अब तक 600 करोड़ की मनी लॉन्ड्रिंग के साक्ष्य मिलने का दावा किया है. ईडी के अनुसार, अपराध से बनायी गयी संपत्तियों में से 350 करोड़ की अचल संपत्ति है. जबकि 250 करोड़ बेनामी लोगों के माध्यम से लालू यादव के परिवार के पास आये. ईडी के वरिष्ठ अधिकारी के अनुसार, ग्रुप डी की नौकरियों के बदले मात्र 7.5 लाख में लिये चार जमीन को राजद के पूर्व विधायक सैयद अबु दोजाना को 3.5 करोड़ में बेचा गया. राबड़ी देवी ने इसका अधिकांश हिस्सा तेजस्वी यादव को ट्रांसफर कर दिया था. इसके भी साक्ष्य ईडी के पास मौजूद हैं.
लालू ने रेल मंत्री रहते हुए नौकरी के बदले लिखवा लीं जमीन
कथित घोटाला उस समय का है, जब लालू केंद्र में संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) की पहली सरकार में रेल मंत्री थे. आरोप है कि 2004 से 2009 तक भारतीय रेलवे के विभिन्न क्षेत्रों में समूह ‘डी’ पदों पर कई लोगों को नियुक्त किया गया था और बदले में इन लोगों ने अपनी जमीन तत्कालीन रेल मंत्री लालू के परिवार के सदस्यों और एके इंफोसिस्टम्स प्राइवेट लिमिटेड को हस्तांतरित कर दी थी. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दर्ज की गयी एक शिकायत के आधार पर ईडी ने भी धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) की आपराधिक धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है. सीबीआई के अनुसार, इस नियुक्ति के लिए कोई विज्ञापन या सार्वजनिक सूचना जारी नहीं की गयी थी, लेकिन पटना के कुछ निवासियों को मुंबई, जबलपुर, कोलकाता, जयपुर और हाजीपुर में विभिन्न जोनल रेलवे में स्थानापन्न के रूप में नियुक्त किया गया था. जांच एजेंसी का यह भी आरोप है कि बदले में उम्मीदवारों ने सीधे या अपने परिवार के सदस्यों के माध्यम से लालू के परिवार के सदस्यों को कथित तौर पर अत्यधिक रियायती दरों पर जमीन बेची, जो मौजूदा बाजार दरों के एक-चौथाई से पांचवें हिस्से तक थी.