Latehar : लातेहार जिला के महुआडांड़ में सरकार विद्यालयों में छात्रों के ठहराव के लिए कई योजनायें चला रही है. बच्चों को मध्याह्न भोजन योजना से लेकर कॉपी-किताब, पोशाक, छात्रवृति व साइकिल आदि दिये जा रहे हैं, ताकि गांव के बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ सके. इस पर सरकार का लाखों-करोड़ों रूपये खर्च होता है. लेकिन महुआडांड़ प्रखंड में एक ऐसा भी विद्यालय है जहां मात्र चार बच्चे पढ़ते हैं. हम बात कर रहे हैं प्रखंड के चैनपुर पंचायत के राजकीय प्राथमिक विद्यालय खपरतला की. जहां मात्र चार बच्चे पढ़ते हैं. इन चार बच्चों को पढ़ाने के लिए एक शिक्षक है. सबसे बड़ी बात है कि चारों बच्चे भी विद्यालय में हर दिन नहीं आते हैं. यही कारण है कि शिक्षक दिन भर स्कूल में समय बीता कर लौट जाते हैं.
क्या कहते हैं स्कूल के शिक्षक
विद्यालय में पदस्थापित एक मात्र शिक्षक राजेंद्र प्रसाद ने पूछे जाने पर बताया कि गांव के पास में ही संत मिखायल स्कूल है. गांव के अधिकांश बच्चे उसी विद्यालय में पढ़ते हैं. उन्होंने आगे बताया कि गांव में प्रायः सभी लोग शिक्षित व संपन्न है और वे अपने बच्चों का नामांकन सरकारी स्कूलों में नहीं कराना चाहते हैं, इस कारण विद्यालय में बच्चों की संख्या कम है.
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