Ashish Tagore
Latehar: प्रखंड व अंचलों मे विकास कार्यों की संपूर्ण जवाबदेही प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी की होती है. लेकिन जिले का गारू एक ऐसा प्रखंड हैं जहां दोनो ही पद महीनों से प्रभार में चल रहे हैं. बता दें कि तत्कालीन प्रखंड विकास पदाधिकारी प्रताप टोप्पो की 25 नवंबर 2023 को आकस्मिक निधन हो गया था. उसके बाद से यहां प्रखंड विकास पदाधिकारी की पदस्थापना नहीं की गयी है. अंचलाधिकारी शंभू राम को यहां प्रखंड विकास पदाधिकारी का अतिरिक्त प्रभार दिया गया. अब शंभू राम का भी तबादला गढ़वा जिले के मझिआंव अंचल में हो गया है. इसके बाद महुआडांड़ के अंचलाधिकारी संतोष कुमार बैठा को गारू के बीडीओ व सीओ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया. हाल के दिनों मे संतोष कुमार बैठा की सेहत अच्छी नहीं चल रही थी और वे इलाज के लिए बाहर चले गये. ऐसे मे महुआडांड़ के बीडीओ अमरेन डांग को गारू का बीडीओ व सीओ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है. इतना ही नहीं गारू मे प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी का पद भी रिक्त है. महुआडाड़ बीईईओ घनश्याम चौबे को गारू के बीइइओ का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है.
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नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है गारू
जिले के गारू प्रखंड को अति उग्रवाद व नक्सलवाद प्रभावित क्षेत्र के रूप में जाना जाता है. गारू प्रखंड के विभिन्न इलाकों में नक्सलियों ने कई बड़ी घटनाओं को अंजाम दिया है. हालांकि पुलिसिया अभियान के कारण हाल के दिनों में गारू प्रखंड में उग्रवादी घटनाओं में कमी अवश्य आयी है. बावजूद इसके उग्रवादी व नक्सली गारू में अपनी मौजूदगी का एहसास दिलाते रहे हें. ऐसे में प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचलाधिकारी जैसे महत्वपूर्ण पद महीनों से रिक्त रहने से न सिर्फ विकास कार्य प्रभावित हो रहे हैं वरन ग्रामीणों को भी कई प्रकार की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
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