Ashish Tagore
Latehar: अभिजीत ग्रुप के निर्माणाधीन पावर प्लांट के भूमि रैयत व बकायेदारों ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर की है. कोर्ट ने मुकदमे की सुनवाई की तिथि 14 नवंबर मुकर्रर की है. स्थानीय रैयत दीपू कुमार सिन्हा व बकायेदार धीरज जायसवाल ने लीगल सॉलिसिटर कंपनी के सौरभ श्रीवास्तव के माध्यम से अलग-अलग याचिका (1868662/2022 और 1868682/2022) दायर की है. इस मामले में अधिवक्ता आनंद श्रीवास्तव, आशीष श्रीवास्तव और समझयोर लेपचा अदालत में रैयत व बकायेदारों का पक्ष रखेंगे.
यहां बता दें कि चंदवा प्रखंड के चकला (बाना) गांव में 2000 मेगावाट का पावर प्लांट लगाया जाना था. कंपनी ने विभिन्न बैंकों से करोड़ों का कर्ज लेकर प्लांट निर्माण का काम शुरू किया था. बाद में कंपनी को आवंटित चकला कोल ब्लॉक रद्द हो गया. इसके बाद पावर प्लांट का काम भी बंद हो गया. पावर प्लांट के बंद होने के बाद बैंकों ने कर्ज वसूली के लिए नेशनल कंपनी लॉ ट्रिब्यूनल (एनसीएलटी) ,कोलकाता बेंच में मामला दायर किया.
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एनसीएलटी कोर्ट ने दिया था नीलामी का आदेश
होटल द कार्निवल में आयोजित प्रेस वार्ता में दीपू सिन्हा व सौरभ श्रीवास्तव ने बताया कि एनसीएलटी कोर्ट ने बैंक के बकाये की रिकवरी के लिए 10 अक्टूबर 2018 को कोलकाता के पंकज धानुका को रिजोल्यूशन प्रोफेशनल (आरपी) नियुक्त किया.
मामले का हल नहीं निकलने पर एनसीएलटी कोर्ट ने आठ अक्टूबर 2021को प्लांट की नीलामी का आदेश दिया, साथ ही पंकज धानुका को रिजोल्यूशनल प्रोफेशनल से लिक्विडेटर बना दिया. 12 अप्रैल 2022 को आईबीबीआई डिसीप्लिनरी कमिटी ने पंकज धानुका को एक अन्य कंपनी के सलाहकार के पद पर होने की वजह से इसे प्रथम दृष्टया आफिस ऑफ प्रॉफिट का माना और अगले एक वर्ष तक किसी भी तरह के असाइनमेंट करने से मना कर दिया.
पंकज धानुका ने दिल्ली हाईकोर्ट में दायर की थी अर्जी
इस आदेश को चुनौती देते हुए पंकज धानुका ने दिल्ली हाईकोर्ट में अर्जी दी. इसपर 12 अप्रैल 2022 को हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों के दलीलों को सुनने की बात कहते हुए मामले की अगली तारीख 14 नवंबर 2022 तय की. दीपू सिन्हा ने बताया कि कोर्ट में मामला होने और बिना किसी स्पष्ट आदेश के लिक्विडेटर पंकज धानुका ने प्लांट के परिसंपत्तियों के परिसमापन (स्क्रैप) की प्रक्रिया को आगे बढ़ाना शुरू कर दिया. आनन-फानन में कोलकाता के अंग्रेजी अखबारों में प्लांट के स्क्रैप का टेंडर जारी कर दिया. मनमाने ढंग से बिना टेंडर सक्सेसर का आदेश सार्वजनिक किये 17 अक्टूबर 2022 से प्लांट के स्क्रैप का उठाव शुरू कर दिया गया. इसके लिए किसी भी स्थानीय रैयतों, बकायेदारों और कामगारों यहां तक कि स्थानीय जन प्रतिनिधियों को विश्वास में नहीं लिया गया और निरंतर स्क्रैप उठाव जारी है. दीपू सिन्हा ने कहा कि इस याचिका से स्थानीय कामगारों, रैयतों और बकायेदारों को बड़ी राहत मिलेगी और अपारदर्शी तरीके से प्लांट में हो रहे स्क्रैप उठाव पर भी रोक लगेगी.
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