Latehar : प्रजापिता ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय विश्वविद्यालय (सोन भवन, बाइपास रोड शाखा) में आज गुरूवार को दादी प्रकाशमणि का 16 वां पुण्य स्मृति दिवस मनाया गया. कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि जिला परिषद अध्यक्ष पूनम देवी, एसबीआई के शाखा प्रबंधक कौशलेंद्र व दिशा सदस्य रामदेव उपिस्थत रहे. मौके पर शाखा प्रभारी बीके अमृता बहन ने दादी का परिचय देते हुए बताया कि उन्होंने 14 वर्ष की आयु मे ही संस्था को अपना जीवन समर्पित कर दिया था. साल 1967 में ब्रह्मा बाबा के शरीर त्यागने के बाद दादी प्रकाशमणि को द्वितीय मुख्य प्रशासिका बनाया गया. उनके नेतृत्व में विश्व के पांच महाद्वीपों में एक हजार से अधिक राजयोग सेंटर खुले. उन्होंने भारत की सभ्यता व संस्कृति का विदेशों में भी प्रचार प्रसार किया और नारी शक्तियों की प्रेरणास्रोत्र बनीं. (पढ़ें, स्वदेशी लड़ाकू विमान तेजस से ASTRA मिसाइल का आसमान में सफल परीक्षण)
वशिंगटन में 10 जून को मनाया जाता दादी प्रकाशमणि डे
बीके अमृता ने बताया कि उनका जीवन दिन दुखों में बीता. उनके बचपन का नाम गोपी था. ब्रह्मा बाबा ने उनका नाम प्रकाशमणि रखा. आज भी अमेरिका के वशिंगटन में 10 जून को दादी प्रकाशमणि डे मनाया जाता है. जिला परिषद अध्यक्ष पूनम देवी ने कहा कि संस्था के द्वारा भारतीय संस्कृति का प्रचार प्रसार किया जा रहा है, यह सराहनीय है. हमें महापुरूषों के आदर्श व बताये रास्तों पर चलने की आवश्यकता है. कौशलेंद्र ने कहा कि दादी ने नशे के खिलाफ आंदोलन चला कर कितने घरों को उजड़ने से बचाया. कार्यक्रम में अतिथियों को इश्वरीय उपहार भेंट किया गया. मौके पर बीके भाई नवीन कुमार गुप्ता, बिनोद, आशीष, बनारसी, अजय, बैजनाथ, बीके बहन ज्योति, सुनीता, कंचन, आलोका, पूनम व ममता के अलावा कई लोगों ने भाग लिया.
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