Ashish Tagore
Latehar: शहर के जुबली रोड का चौड़ीकरण करने की मांग अब जोर पकड़ने लगी है. आये दिन इस रोड में जाम के कारण लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. खास कर जब एंबुलेंस इस रोड में फंसती है तो लोग किसी अनहोनी की आशंका से सिहर उठते हैं. मंगवलवार की देर शाम यहां एक एंबुलेंस तकरीबन आधे घंटे तक फंसी रही. बाद में स्थानीय लोगों ने किसी प्रकार उसे जाम से बाहर निकाला और रवाना किया.
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10 वर्ष पूर्व से ही पारित है चौड़ीकरण की योजना
लातेहार शहर के जुबली चौक से नवादा होते हुए हेरहंज तक जाने वाली कुल 28.7 किलोमीटर लंबी सड़क की चौड़ीकरण की योजना 10 वर्षों पूर्व से पारित है. पिछले आठ वर्षों में इस सड़क की चौड़ीकरण और मजबूती करण के लिए दो बार प्राक्कलित राशि की पुनरीक्षित प्रशासनिक स्वीकृति सरकार द्वारा ली जा चुकी है. बावजूद इसके इस पथ के चौड़ीकरण और मजबूतीकरण का कार्य नहीं हो पा रहा है. बता दें कि शहर के मुख्य पथ (एनएच 75) से जुबली रोड पथ पर प्रवेश करते ही सड़क काफी संकरी है. कहीं-कहीं सड़क की चौड़ाई मात्र सात फीट है. यहां अगर एक वाहन गुजरती है तो दूसरे वाहन को इंतजार करना पड़ता है. अगर दोनों वाहन बीच में आ गए तो घंटों सड़क जाम की स्थिति बनी रहती है. हालांकि इस पथ के चौड़ीकरण का कार्य जुबली रोड के पहले तक किया जा चुका है. लेकिन इस पथ के चौड़ीकरण में आने वाले भवनों का एसेसमेंट और भवनों के नहीं टूटने से जुबली रोड क्षेत्र में चौड़ीकरण का कार्य नहीं हो पा रहा है.
सरकार ने चौड़ीकरण के लिए 79.49 करोड़ रूपये की प्रशासनिक स्वीकृति दी है
पिछले कैबिनेट में पुनः इस सड़क की चौड़ीकरण व मजबूतीकरण मद की लागत बढ़ाने के लिए पुनरीक्षित प्राक्कलन पेश किया गया. सरकार ने सड़क की महत्ता को देखते हुए दूसरी बार पुनरीक्षित प्राक्कलन की स्वीकृति दी और चौड़ीकरण में 79.49 करोड रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति प्रदान की. बताया जाता है कि सड़क चौड़ीकरण के लिए भू-अर्जन की प्रक्रिया लगभग तीन वर्षों पूर्व पूर्ण हो चुकी है. अखबारों में भूमि अधिग्रहण की अधिसूचना भी जारी की जा चुकी है. यहां तक कि रैयतों को नोटिस भी दिया जा चुका है. बावजूद इसके इस सड़क की चौड़ीकरण का कार्य नहीं हो पा रहा है. पथ निर्माण विभाग के कार्यपालक अभियंता का कहना है कि चौड़ीकरण कार्य में कुछ भवनों को हटाने की जरूरत है. भू-अर्जन की कार्रवाई की जा चुकी है. इसके लिए भवन की लागत की असेसमेंट के लिए भवन निर्माण विभाग को शुल्क जमा किया जा चुका है, लेकिन भवन निर्माण विभाग द्वारा बरसों बीत जाने के बाद भी विस्थापित होने वाले भवनों का अनुमानित लागत का असेसमेंट करके पथ निर्माण विभाग को नहीं दिया गया है.
भू-अर्जन विभाग को राशि जमा की जा चुकी है
यहां बता दें कि सड़क चौड़ीकरण के लिए पथ निर्माण विभाग के द्वारा बरसों पूर्व भू-अर्जन विभाग को भूमि की कीमत जमा की जा चुकी है. लेकिन इस दिशा में भू-अर्जन विभाग कोई कार्रवाई नहीं कर रहा है. सबसे दीगर बात तो यह है कि नगर पंचायत क्षेत्र में रहने के बावजूद भी नगर पंचायत इस पथ की मरम्मति नहीं कर पा रहा है. नगर पंचायत के अधिकारियों का कहना है कि यह पथ निर्माण विभाग को सुपुर्द किया जा चुका है. अब उनके विभाग से बिना स्वीकृति के कोई भी काम नहीं हो सकता है.
कई महत्वपूर्ण प्रतिष्ठान हैं इस रोड में
गौरतलब है कि लातेहार को हेरहंज से सीधा जोड़ने वाली इस महत्वपूर्ण पथ पर तुबेद कोलियरी समेत राजकीय पॉलिटेक्निक ,बनवारी साहू कॉलेज और कई नामी-गिरामी व्यवसायिक प्रतिष्ठान हैं. स्कूल-कॉलेज जाने वाले छात्रों को प्रतिदिन जाम में फंसना पड़ता है. स्थानीय लोगों ने प्रशासन से कई बार इस पथ की चौड़ीकरण के लिए गुहार लगायी है. जुबली रोड के विजय समीर ने कहा कि इस रोड का चौड़ा किया जाना अति आवश्यक है.
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