Ashish Tagore
Latehar: पलामू प्रमंडल वासियों को एक बार फिर निराशा हाथ लगी है. हमेशा से ही पिछड़नेपन का दंश झेल रही पलामू प्रमंडल की जनता को इस बार रेलवे मंत्रालय ने जोर का झटका दिया है. पहले तो रेल मंत्रालय ने घोषणा की थी कि 12 मार्च से रांची से वाराणसी वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन चलायी जायेगी और इसका परिचालन बरकाकाना-बरवाडीह रेलखंड के पलामू प्रमंडल से होकर किया जायेगा. पीएम नरेंद्र मोदी ऑनलाइन हरी झंडी दिखा कर इसे रवाना करेंगे. रेलवे की इस घोषणा के बाद पलामू प्रमंडल के लोगों में खुशी की लहर थी. उन्हें लगा था कि अब वाराणसी पहुंचना आसान होगा. महज कुछ घंटों में ही पलामू से वाराणसी की दूरी तय कर लेंगे. लेकिन ऐन मौके पर रेलवे ने अपना निर्णय बदल लिया. 12 मार्च को पीएम मोदी ने तो वंदे भारत एक्सप्रेस को रवाना तो किया, लेकिन ट्रेन पलामू प्रमंडल से ना होकर रांची से गया रेलवे लाइन होकर वाराणसी गयी. इसके बाद से पलामू के लोगों में घोर निराशा है. लोगों का कहना है कि अगर इस रूट से ट्रेन नहीं चलाया जाना था तो इसकी घोषणा नहीं की जानी चाहिए थी. लोग अब पलामू रूट से होकर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को रवाना करने की मांग कर रहे हैं.
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सांसद को करना चाहिए प्रयास
लातेहार जिला के लोगों का कहना है कि चतरा सांसद सुनील सिंह को इस दिशा में पहल करनी चाहिए. उन्हें रेल मंत्री से मिल कर क्षेत्र की समस्याओं को रखने और वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेन को पलामू रूट से चलाने की मांग करनी चाहिए. लोगों का कहना है कि इस ट्रेन का रूट डायवर्ट नहीं किया जा सकता है तो एक नयी वंदे भारत ट्रेन को इस रूट से चलाया जाना चाहिए. हालांकि पलामू सांसद बीडी राम ने कहा कि वंदे भारत एक्स्प्रेस ट्रेन को सप्ताह में तीन दिन पलामू रूट से चलाने का प्रयास किया जा रहा है. बहरहाल, पलामू की जनता अपने आप को ठगा महसूस कर रहे हैं.
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