Latehar: शहर के जुबली चौक को बाजारटांड़ से जोड़ने वाली जायत्री नदी पुल (छलका) एक वर्ष से ज्यादा समय से क्षतिग्रस्त है. पहले तो कुछ दिनों तक इस पुल से आवागमन बाधित रहा. बाद में बाजारटांड़ में दुकानें लगाने वाले लोगों ने इस पुल के क्षतिग्रस्त हिस्से पर मिट्टी और मोरम भर कर इसे चलने योग्य बनाया. इसके बाद दुपहिया वाहन यहां से गुजरने लगे. लेकिन चार पहिया वाहन चालक जान जोखिम में ले कर इससे गुजरते हैं.
इसे पढ़ें- बिहार : वेल्डिंग के दौरान फटा पेट्रोल टैंकर, चालक व खलासी सहित वेल्डर जिंदा जले
हालांकि नगर पंचायत के द्वारा पुल निर्माण की योजना स्वीकृत कर निविदा अवश्य प्रकाशित कर दी गई है, लेकिन निविदा तकनीकि कारणों अधर में लटक गयी. बता दें कि यह पुल बहुत ही महत्वपूर्ण है. मंगलवार को बाजारटांड़ में साप्ताहिक हाट लगता है और हाट में आने वाले व्यवसायी इस पथ का इस्तेमाल करते हैं. लातेहार से सटे पतरातू, डीही और मुरूप समेत हेरहंज व बालूमाथ प्रखंड के व्यवसायी अपने उत्पादों को बेचने के लिए लातेहार पहुंचते हैं.
इसे भी पढ़ें- दो साल पहले आफताब ने काटकर फेंकने की धमकी दी थी, श्रद्धा ने पुलिस में शिकायत की थी, लेकिन वापस ले ली थी
लातेहार पहुंचने के बाद जुबली चौक से ही बाजारटांड़ जाते है, लेकिन बीच में पड़ने वाली जायत्री नदी पुल के क्षतिग्रस्त होने के कारण उन्हें काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अधिकांश व्यवसायी टेंपो या सवारी वाहनों में अपने सामानों को लाद कर यहां पहुंचते हैं. ऐसे में यहां हमेशा दुर्घटना की आशंका बनी रहती है. बताते चलें कि मुख्यमंत्री विकास योजना मद से वर्ष 2007-08 में नौ लाख रुपये की लागत से जायत्री नदी पर छलका और गार्डवाल का निर्माण कराया गया था.