ग्रामीणों ने पानी, सड़क व आवास के लिए किया था तीन दिवसीय आंदोलन
पोस्टर छपवा कर सांसद सुनील सिंह को गांव में आने का दिया था निमंत्रण
कहा था-आप गांव आइये आपसे कुछ नहीं मांगेंगे
Ashish Tagore
Latehar: जिले के चंदवा प्रखंड में एक पंचायत है कामता. इसी कामता पंचायत में चटुआग एक गांव है. इस चटुआग को सांसद सुनील सिंह ने अपने दूसरे कार्यकाल में गोद लिया था. तब गांव के लोगों को लगा था कि अब गांव में मूलभूत सुविधायें बहाल होगी. गांव की सड़कें अच्छी होगी. गावं से पंचायत व प्रखंड मुख्यालय पहुंचना आसान होगा. गांव में शिक्षा व स्वास्थ्य की बेहतर सुविधायें मिल सकेगी. लेकिन इन पांच सालों में लोगों की आशाएं धरी की धरी रह गयी. देखते ही देखते एक और चुनाव आ गया, लेकिन लोगों को सांसद के द्वारा सिर्फ छलावा के कुछ नहीं मिला. गांव वालों को आज तक इस बात का मलाल है कि सांसद ने इस गांव के एक मोड़ पर दो स्ट्रीट लाइट लगाने के अलावा कुछ नहीं किया. लोग बताते हैं कि इस गांव में सांसद से अधिक तो मुखियाओं ने काम किया है.
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पिछले साल ग्रामीणों ने किया था आंदोलन
पिछले साल जनवरी के महीने में चटुआग गांव के ग्रामीणों ने सड़क, पानी और आवास जैसी बुनियादी सुविधाएं बहाल कराने की मांग को ले कर तीन दिवसीय आंदोलन किया था. ग्रामीणों ने इस दौरान भूख हड़ताल भी किया था. लोगों का कहना था कि आजादी के बाद से चटुआग गांव उपेक्षित है. जब सांसद ने गांव को गोद लिया तब लगा कि अब चीजें सही होगीं, लेकिन कुछ नहीं हुआ.
एक बार गांव आ जाइये सांसद महोदय
ग्रामीणों ने अपने आंदोलन के क्रम में एक सांसद सुनील सिंह के नाम एक पोस्टर छपवा कर उन्हें गांव में आने का निमंत्रण दिया था. ग्रामीणो ने अपने पोस्टर में कहा था कि एक बार गांव लौट आइये सांसद महोदय, हम कुछ नहीं मांगेंगे. पोस्टर में लिखा था कि सासंद महोदय आपने 26 जनवरी 2018 को गांव आकर झंडोत्तोलन किया था. 2017 में आपने गांव को गोद लिया और इसको एक आदर्श गांव के रूप में चुना था. लेकिन इसके बाद आप गांव में एक बार भी नजर नहीं आये. आगे लिखा था कि सांसद महोदय आप गणतंत्र दिवस पर हमारे गांव आइये. यहां के ग्रामीण आपसे कुछ नहीं मांगेंगे. जारी पोस्टर में लिखा है कि गांव वाले खटिया में लादकर मरीज को अस्पताल पहुंचा देंगे. पर आपसे सड़क नहीं मांगेंगे. बदबूदार पानी पी लेंगे पर आपसे पानी नहीं मांगेंगे. खुले आसमान के नीचे रह लेंगे पर आपसे घर नहीं मांगेंगे. सारी गलती हमारी थी सांसद महोदय. बस आप एक बार गांव लौट आइये.
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चुआंड़ी का गंदा पानी पी रहे हैं ग्रामीण
ग्रामीण कमल गंझू ने बताया कि आदर्श गांव चटुआग का एक टोला है चिरोखाड़. यह टोला आदिवासी बहुल इलाका है. यहां करीब 20 -25 परिवार के लोग निवास करते हैं. इसकी जनसंख्या करीब 100 है. यह टोला गांव की सड़क से भी कटा है.दशकों से इस टोले में एक भी सरकारी योजनाएं नहीं चलाई गई है और ना ही एक रुपये की राशि खर्च की गयी है. ग्रामीण बिशुन गंझू ने कहा कि आदर्श ग्राम योजना के तहत 2017 में जब चटुआग ग्राम का चयन आदर्श ग्राम के रूप में सांसद सुनील सिंह ने किया था. उस समय लगा था कि गांव की समस्या दूर होगी. लेकिन कुछ नहीं हुआ. अभी भी गांव के लोग चुआंड़ी का बदबूदार पानी से अपनी प्यास बुझा रहे हैं.