Latehar : प्रखंड के विभिन्न गांव की सैकड़ों महिलाओं को फाइनेंस करने वाले माइक्रो फाइनेंस बैंकों से मिल कर स्वयं सहायता समूह संचालित करने वाली महिलाओं से लाखों रुपए की ठगी का सनसनीखेज मामला प्रकाश में आया है. ठगी का शिकार होने वालों में विभिन्न गांव के दर्जनों स्वयं सहायता समूह की महिलाएं शामिल हैं. आश्चर्य की बात यह है कि ठगी गई अधिकांश महिलाओं ने इसकी चर्चा अपने घर परिवार यहां तक की अपने पति से भी नहीं की थी. प्रखंड के लुकुइया लोहरसी गांव के ही दर्जनों महिलाएं चंदवा थाना पहुंच कर आवेदन देकर न्याय की गुहार लगाई है.
इसे भी पढ़ें- हजारीबाग: गबन के फरार आरोपी भेजे गए जेल
क्या है मामला
सत्य माइक्रोकैपिटल, बालूमाथ स्माइल माइक्रोफाइनेंस लिमिटेड, चंदवा माइक्रो कैपिटल लिमिटेड, बालूमाथ बंधन बैंक, बालूमाथ स्वतंत्र माइक्रोफिन प्राइवेट लिमिटेड, खलारी आरबीएल माइक्रोफाइनेंस, चंदवा भारत फाइनेंस, चंदवा मिडलैंड माइक्रोफिन लिमिटेड द्वारा समूह की महिलाओं को आर्थिक सवावालंबन के उद्देश्य से लोन वितरण किया जा रहा है. थाने में दिए गए आवेदन में कहा गया है कि मेन रोड निवासी महिला ने महिलाओं को लोन लेने के लिए प्रेरित किया था, कहा था कि लोन मिलने के बाद राशि हमें दे देना बैंक का सारा ब्याज मैं भर दूंगी. कुछ महिलाओं को इसके लिए पैसे का लालच भी दिया गया. आश्चर्य की बात यह है कि महिला समूह के कई महिलाओं को करीब-करीब सभी माइक्रो बैंक से लोन के पैसे दिला दिए. बाद में उनसे पैसे वापस ले लिए और कई महिलाओं को चेक भी दिया है. इतनी बड़ी मात्रा में लोन के लेनदेन में बैंकों के कर्मियों की मिलीभगत प्रतीत होती है. बगैर बैंक कर्मियों की मिलीभगत के इतने बड़े पैमाने पर एक ही व्यक्ति को अलग-अलग चार बैंक से लोन उपलब्ध कराना संभव नहीं था.
इसे भी पढ़ें- धनबाद: वर पक्ष के शादी से इनकार करने पर युवती ने लगा ली फांसी
बैंककर्मी वसूली के लिए बना रहे दबाव
एक महिला ने बताया कि पूर्व में एक बैंक के सीनियर प्रत्येक लोन पर महिला से रकम भी लेते थे. आवेदन में सिर्फ लुकुइय गांव की 23 महिलाओं से करीब 22 लाख रुपए ठगी किए जाने की बात कही गई है. प्रखंड के विभिन्न गांव में ऐसे दर्जनों मामले ठगी के आ रहे हैं. लग रहा है ठगी की यह रकम और बढ़ सकती है. महिलाओं ने बताया कि महिला द्वारा बैंक को लोन की किस्त भी दी जाती थी. जब तक उसने हमारे लोन की किस्त जमा की. तब तक मामला ठीक-ठाक चलता रहा. अब किस्त जमा नहीं होने लगी तो बैंककर्मी वसूली के लिए दबाव बना रहे हैं. महिलाओं ने पुलिस से मदद की गुहार लगाई है.
[wpse_comments_template]