Chandwa: चंदवा प्रखंड के बनहरदी गांव में आदिवासी समुदाय के द्वारा परिचर्चा कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में पांचवीं अनुसूची क्षेत्र के तहत की चर्चा की गई. कार्यक्रम की अध्यक्षता पांच पड़हा बेल बीरेंद्र उंराव ने की, जबकि संचालन महेश्वर भगत व चन्द्रदेव उंराव ने किया. इसमें जिले व प्रखंड के अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया था, लेकिन चर्चा में एक भी अधिकारी नहीं पहुंचे. इसे लेकर ग्रामीणों ने नाराजगी जाहिर की.
इसे भी पढ़ें-ग्रीन टेक्नोलॉजी में रिसर्च की अपार संभावनाएं हैं : पीटर जैफ
पांचवीं अनुसूची में आदिवासियों के लिए विशेष क्षेत्र- वक्ता
परिचर्चा के दौरान मंच पर मौजूद वक्ताओं ने कहा कि संविधान द्वारा प्रदत्त पांचवी अनुसूची आदिवासियों के लिए विशेष क्षेत्र घोषित करता है. इसके तहत आदिवासियो की अपनी शासन व्यवस्था होती है. इस क्षेत्र में आदिवासी अपना शासन प्रशासन एवं नियंत्रण खुद नियंत्रित करते हैं. आदिवासी रूढ़ि प्रथा के तहत संचालित होते हैं. मौके पर मौजूद मुख्य वक्ता धनेश्वर टोप्पो ने अपने वक्तव्य में कहां कि भारत देश संविधान से चलता है और संविधान की अवहेलना करने वाले संविधान को नहीं मानने वाले देशद्रोही होते हैं. खुखरा परगना की झारखंड प्रदेश महिला प्रकोष्ठ की महासचिव रायमुनि उंराव ने कहा कि यह क्षेत्र आदिवासियों का क्षेत्र है. इस क्षेत्र में संविधान की अनुछेद 13(3) के तहत रूढ़ि प्रथा है. इसी व्यवस्था के तहत आदिवासी समुदाय अपना शासन प्रशासन नियंत्रित करते हैं. इस क्षेत्र में किसी भी प्रकार के कार्य के लिए ग्राम सभा की अनुमति लेना अनिवार्य होता है.
इसे भी पढ़ें-बेरमो: छात्र की पिटाई मामले में राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग ने लिया संज्ञान
अधिकारियों के नहीं पहुंचने पर नाराजगी
कार्यक्रम कुछ दिनों पूर्व में ही आवेदन के माध्यम से अधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया लेकिन कोई भी अधिकारी कार्यक्रम में नही पहुंचे जिसकी वजह से लोगों में खासी नराजगी है. गौरतलब है कि चंदवा प्रखंड के बारी व बनहरदी क्षेत्र में एनटीपीसी को कोल ब्लॉक का आवंटन हुआ है. कोल ब्लॉक को लेकर ग्रामीण लगातार विरोध कर रहे हैं. कार्यक्रम में सैकड़ों ग्रामीण मौजूद रहे.