Latehar : आजादी के 75 वर्ष होने के बावजूद भी प्रदेश के कई ऐसे गांव हैं जहां आज भी पुल नहीं है. कई गांव के लोग आज भी बरसात के दिनों में टापू में रहने को मजबूर हैं. ऐसे ही गांव लातेहार जिले के चंदवा प्रखण्ड क्षेत्र में है. ये गांव रखांत, डांगमारा, सेरंगदाग, पिपरापानी और चेटर गाँव है जहां बरसात के समय में लोग खुशहाल जीवन नहीं जी पा रहे हैं. आज भी शासन-प्रशासन के द्वारा पुलिया नहीं बनवाया जा सका है. वैसे ग्रामीण कई बार प्रखंड कार्यालय का चक्कर लगा चुके हैं लेकिन वहां ना कोई सुनने वाला है और ना ही कोई देखने वाला. जब भी ग्रामीण अपनी समस्या को लेकर संबंधित पदाधिकारियों से मिलते है तो उन्हें सिर्फ आश्वासन दिया जाता हैं.
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पहली बरसात में ही बह गयी पुलिया
हालांकि चंदवा प्रखण्ड क्षेत्र में बिजली विभाग की ओर से पावरग्रीड का निर्माण कर रहे कंपनी ने अपने निजी खर्च से पुलिया बनवाया था जिससे कई गाँव के लोगों का जीवन सुलभ हो सका था. लोगों को आवागमन में सुविधा भी होने लगी थी, लेकिन बरसात के पहले महीने में ही कंपनी के द्वारा बनायी गयी पुलिया बह गयी जिससे कई गाँव टापू में तब्दील हो गये.