Ashish Tagore
Latehar: एक और साल गुजर गया, लेकिन लातेहार जिले में स्वास्थ्य सेवाओं को नहीं बदला जा सका. आज भी जिले में चिकित्सकों की नितांत कमी है. बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं नहीं मिल पा रही है. विशेषज्ञ चिकित्सकों के अभाव में मामूली रोगों में भी रोगियों को अस्पतालों से दूसरे जगहों पर रेफर कर दिया जाता है. ऐसे में सबसे अधिक परेशानी गरीब व मध्यम वर्गीय लोगों को होती है. बता दें कि लातेहार एक ऐसा क्षेत्र है, यहां आदिवासियों की संख्या अधिक है. सुदूरवर्ती क्षेत्रों में रहने वाले आदिवासियों के पास इतना पैसा व संसाधन नहीं है कि वे बाहर जा कर अपना इलाज करा सकें.
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111 चिकित्सकों के पद, मात्र 34 उपलब्ध
स्वास्थ्य सेवाओं की खस्ताहाल का इसी से अंदाला लगाया जा सकता है कि जिले में चिकित्सकों के लिए कुल 111 पद सृजित हैं, जबकि मात्र 39 चिकित्सक ही कार्यरत हैं. उस पर इनमें से चार चिकित्सक अन्य जिलों में प्रतिनियुक्ति पर हैं, जबकि एक चिकित्सक अनाधिकृत रूप से गायब हैं. इस प्रकार जिले में मात्र 34 चिकित्सक ही उपलब्ध हैं. इनमें सात चिकित्सक अस्पताल में कार्यरत हैं. अगर सदर अस्पताल में कार्यरत सात चिकित्सकों को इससे से हटा दिया जाये तो जिले के विभिन्न प्रखंडों के स्वास्थ्य केद्रों में मात्र 27 चिकित्सक ही कार्यरत हैं. बता दें कि जिले में कुल नौ प्रखंड हैं. अगर औसत निकाला जाये तो प्रति प्रखंड मात्र तीन से भी कम चिकित्सक हैं. पूरे जिले की आबादी 7 लाख 26 हजार 978 है. इस हिसाब अगर औसत निकाला जाये तो जिले मे प्रति 26,925 लोगों पर मात्र एक चिकित्सक हैं.
मनिका के चिकित्सा पदाधिकारी लंबे समय से हैं गायब
जिले के सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र मनिका में कुल सात पदों के एवज में चार चिकित्सक कार्यरत हैं. लेकिन इनमें एक चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. राजीव रंजन लंबे समय से अनाधिकृत रूप से गायब हैं. उनके खिलाफ विभागीय पत्राचार किया गया है. सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लातेहार में तीन में एक, सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र चंदवा में सात में चार, सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र बालूमाथ में सात में तीन, सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र बरवाडीह में सात में चार, रेफरल अस्पताल गारू में सात में एक, सामुदायिक स्वास्थ्य केद्र महुआडांड़ में सात में चार चिकित्सक ही कार्यरत हैं.
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पांच स्वास्थ्य केंद्रों में नहीं हैं एक भी चिकित्सक
जिले में कुल 14 प्राथमिक स्वास्थ्य केद्र हैं. इनमें से पांच प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रो्ं मे एक भी चिकित्सक नहीं हैं. जबकि इन प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्नों में चिकित्सकों के दो-दो पद सृजित हैं. इनमें प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बारियातू, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेतर, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र जेरूआ, मनिका, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र मंडल व प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बेतला, बरवाडीह का नाम शामिल है.जबकि प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र हेरहंज, नावागढ़, मुरूप, पल्हैया, छिपादोहर, बरदौनी, नेतरहाट में दो चिकित्सकों में मात्र एक चिकित्सक ही कार्यरत हैं.
क्या कहते हैं सिविल सर्जन
इस संबंध में पूछे जाने पर सिविल सर्जन डॉ. आशुतोष सिह ने कहा कि यह सही है कि जिले में चिकित्सकों की नितांत कमी है और इससे स्वास्थ्य सेंवायें प्रभावित हो रही है. उन्होंने कहा कि जिले में चिकित्सकों की पदस्थापना करने के लिए विभागीय पत्राचार किया गया है.