Arjun Viswakarma
Latehar: नगर भवन में बुधवार को राष्ट्रीय सहकारी विकास निगम (एनसीडीसी) के सौजन्य से प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर एक दिवसीय कार्यशाला सह प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन उप विकास आयुक्त ने किया. डीडीसी ने कहा कि जिले के मत्स्य कृषकों द्वारा जिले के तालाबों में सघन मत्स्य पालन का कार्य किया जा रहा है. जिससे लातेहार जिला मत्स्य पालन/उत्पादन में आत्मनिर्भर और कृषकों की आय में निरंतर बढोतरी हो रही है. क्षेत्रीय निदेशक NCDC ने बताया कि एनसीडीसी कृषि क्षेत्रों के अलावा विभिन्न क्षेत्रों में सहकारिता को सहयोग करता है. इस कार्यक्रम में प्रबंध निदेशक झास्कोफिश के द्वारा आत्मनिर्भर भारत अभियान के तहत मत्स्य प्रक्षेत्र की नई योजना प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना प्रारंभ की गई है.
इसे भी पढ़ें- 1 अक्टूबर से क्रिकेट नियमों में बदलाव, गेंद में थूक लगाना बैन, Mankading को माना जायेगा रनआउट
उन्होंने बताया कि उक्त योजना का मुख्य उद्देश्य मछली उत्पादन एवं उत्पादकता में गुणात्मक अभिवृद्धि मत्स्यिकी प्रबंधन के लिए नवीनतम तकनीकी सहायता एवं आवश्यक आधार रूप संरचनाओं का विकास, आधुनिकीकरण एवं सुदृढ़िकरण के लिए सहायता उपलब्ध कराया जाना है. प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना में भारत सरकार का अंशदान, राज्य सरकार का अंशदान एवं लाभुक का अंशदान निहित है. जिसमें अनुसुचित जाति, अनुसुचित जनजाति एवं सभी वर्गों के महिला के लिए सरकारी सहायता ईकाई लागत का कुल 60 प्रतिशत एवं अन्य कोटि के लाभुक के लिए ईकाई लागत का 40 प्रतिशत देय है. कार्यक्रम में सिद्धार्थ कुमार, नागेंद्र कुमार सिंह, मनोज कुमार और दिब्या गुलाब समेत कई किसान मौजूद थे.
इसे भी पढ़ें- जमशेदपुर : बारीडीह जुस्को क्षेत्र के सफाई कर्मियों को दो माह से वेतन नहीं देने पर भाजमो ने ठेकेदार को घेरा